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मिली नई जिंदगी: विवेकानंद अस्पताल में मनीष को नई जिंदगी दी न्यूरोसर्जन डॉ. महेश शर्मा ने
हल्द्वानी। हिम्मत नहीं हारो तो ऊपर वाला भी मदद करता है। मनीष आए थे विवेकानंद हॉस्पिटल हल्द्वानी में गंभीर सिर की चोट के साथ। दिमाग में खून के थक्के थे और उनकी हृदय गति रुक गई थी। उनका सीपीआर देकर हृदयगति वापस आई थी। 3 दिन मनीष वेंटीलेटर और ब्लड प्रेशर उठाने वाली दवाइयों पर जीवन रक्षक प्रणाली पर रहे।
तीन दिन बाद जब कुछ हरकत मनीष के दाये अंग में आई तो कुछ उम्मीद जगी। उनका मस्तिष्क का ऑपरेशन वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ महेश शर्मा द्वारा किया गया। नाउम्मीदी से लड़ते हुए मनीष को लगभग दो महीने बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि मनीष का मामला काफी गंभीर था और उन्हें बचाया जाना भी काफी मुश्किल था। एक जटिल ऑपरेशन के बाद उनकी जान बचाई जा सके जो की बहुत मुश्किल काम था। आप मनीष पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

