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गज़ब : प्रधान के चुनाव में नेताजी को पड़ा केवल अपना वोट, एक वोट पाया और जमानत जब्त
नैनीताल। चुनाव में किसी प्रत्याशी को लेकर अक्सर कभी एक मजाक का विषय सामने आता है कि… इसे खुद का ही वोट पड़ जाए तो भी बहुत। यानी प्रत्याशी की स्थिति बहुत खराब होती है और इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि उसे अपना ही वोट पड़ जाए बस। मगर उत्तराखंड के पंचायत चुनाव में यह जुमला बिल्कुल सटीक बैठ गया। एक सज्जन ने तय किया कि वह ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ेंगे और उन्हें यह नहीं पता था कि अब उन्होंने निर्णय तो ले लिया है प्रधान पद के चुनाव लड़ने का मगर जब चुनाव के नतीजे आएंगे तब क्या होगा। नतीजे आए तो उनके पैरों के नीचे से जमीन गोल थी। प्रधान जी का चुनाव लड़ रहे इन भाई साहब को केवल अपना ही वोट मिला है। यानी वोटो की गिनती में कुल जमा एक वोट। एक वोट गिनती में आते ही नेताजी सत्य में आगे और सोचने लगे कि आखिर उनके साथ यह क्या हुआ। बहरहाल नेताजी का मात्र एक वोट लाना यहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मामला बेतालघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत तिवारीगांव गांव का है जहां ग्राम प्रधान पद की मतगणना ने लोगों को चौंका दिया। नतीजों की चर्चा का कारण प्रधान पद के एक प्रत्याशी को केवल अपना वोट मिलना रहा। ग्राम प्रधान पद पर लड़ रहे दो चचेरे भाइयों में से एक भाई को 45 तो दूसरे को खुद का एक वोट ही मिल पाया। प्रधान प्रत्याशी को एक ही वोट मिलने के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों से बनी हुई है।
बता दें कि तिवारीगांव में ग्राम प्रधान पद के लिए छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इसमें हिमांशु जोशी को 179, सीमा तिवारी को 73, रोहित कुमार को 45, जीवन सिंह को 14 और मनोज तिवारी को एक वोट मिल पाया। मनोज के एक वोट लाने के साथ उसकी जमानत भी जब्त हो गई। प्रधान प्रत्याशी को एक वोट मिलने के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों में चर्चा है कि प्रत्याशी को घर के वोट भी नहीं पड़े।

