उत्तराखण्ड
पिथौगराढ़ की दिव्यांग महिला के नवजात की मौत, स्वजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
पिथौरागढ़: महिला चिकित्सालय में एक दिव्यांग महिला के नवजात बच्चे की मौत से परिजन भड़क गए। परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर विरोध जताया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर डिलीवरी में लापरवाही और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। अस्पताल पहुंची पुलिस की मौजूदगी में पीडि़त परिवार ने अपनी शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के पास दर्ज कराई। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने मामले की जांच के निर्देश कर दिए हैं।
मूक बधिर पूजा विश्वकर्मा को प्रसव के लिए आठ जुलाई को महिला चिकित्सालय लाया गया। महिला को काफी लेबर पेन हो रहे थे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया, उलटा परिजनों से ही अभद्र व्यवहार करने लगे।
पीड़ा से गुजर रही पूजा की समस्या को देखते हुए परिजनों ने सीजर कराने की गुहार लगाई, लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। नौ जुलाई को दोपहर में पूजा की नार्मल डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इस पर बच्चे को हल्द्वानी सुशाली तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
एसटीएच में भी अनदेखी
सुशीला तिवारी अस्पताल में भी तीन घंटे तक बच्चे को सामान्य बेड में ही रखा गया। आखिरकार बच्चा जिंदगी की जंग हार गया। परिजनों का कहना है कि पिथौरागढ़ महिला अस्पताल में समय पर डिलीवरी करा दी जाती तो हादसा नहीं होता। परिजन डिलीवरी में हुई देरी और दिव्यांग महिला से अस्पताल में हुई अभद्रता की जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की मौजूदगी में पीडि़त परिवार के साथ हुई वार्ता में अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा.जेएस नबियाल ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। पीएमएस से मिले आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए। परिजनों ने कहा है कि मामले की जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे।