अंतरराष्ट्रीय
रूस और यूक्रेन तनाव के बीच परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइलें बना रहा मास्को, अमेरिका तक पहुंचेगी आंच
रूस और यूक्रेन तनाव के बीच मास्को अपने हथियारों के जखीरे को और ज्यादा विनाशकारी बनाने में जुटा है। रूस यह जानता है कि उसकी टक्कर अमेरिका और नाटो सैन्य बल से हो सकती है। रूस के नीति विशेषज्ञ क्लिंट एर्लिच ने दावा किया है कि यूक्रेन पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच पुतिन की सेना ‘सुपरवेपन्स’ को लेकर एक सीक्रेट कार्यक्रम चला रही है जो अमेरिका का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।
1- खास बात यह है कि रूस का यह दावा ऐसे समय आया है जब यूक्रेन को लेकर अमेरिका और नाटो सदस्य देशों के साथ उसकी तनातनी चल रही है। सुपरवेपन्स को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। एर्लिच की यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब रूस यूक्रेन के पास बड़े पैमाने पर सैनिकों को इकट्ठा कर रहा है जिसने पश्चिम में हमले की आशंका को बढ़ा दिया है।
2- एर्लिच ने कहा कि वे कई एडिश्नल सुपरवेपन्स विकसित कर रहे हैं, जिसमें परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइलें भी शामिल हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसा अमेरिका ने शीत-युद्ध के दौरान देखा था और यह बहुत खतरनाक है। एर्लिच ने कहा कि रूस ने उस तकनीक को विकसित करना नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि रूस एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संधि की खत्म होने के बाद पश्चिम पर परमाणु श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए दृढ़ है। यूक्रेन विवाद को लेकर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका और नाटो देशों ने यूक्रेन के साथ चल रहे गतिरोध पर रूस की मुख्य सुरक्षा मांगों का निपटारा नहीं किया है।
3- रूस इसे एक संभावित हथियार के रूप में विकसित कर रहा है। एर्लिच ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि इनमें से एक मिसाइल खराब हो गई थी और यह समुद्र के तल में गिरकर नष्ट हो गई। एक टीम ने उस मिसाइल को दोबारा हासिल करने की कोशिश की लेकिन एक परमाणु दुर्घटना में कई वैज्ञानिकों सहित टीम के सदस्यों की मौत हो गई।
पुतिन ने की फ्रांसीसी राष्ट्रपति से बात
उधर, यूक्रेन विवाद पर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका और नाटो ने यूक्रेन के साथ चल रहे गतिरोध पर रूस की मुख्य सुरक्षा मांगों का निपटारा नहीं किया है। यूक्रेन संकट शुरू होने के कई सप्ताह बाद पहली बार पुतिन ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के साथ फोन पर बातचीत के दौरान अपनी अपनी मांग दोहराई। रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब रूस की ओर से यूक्रेन की जोरदार घेराबंदी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्वी यूरोप में अतिरिक्त सेना को भेजने का ऐलान किया है। क्रेमलिन ने बताया कि पुतिन ने मैक्रां से कहा कि वह अमेरिका और नाटो देशों की ओर से दिए गए जवाब का अध्ययन करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई को तय करेंगे। कार्यालय ने कहा कि इस बातचीत के दौरान पुतिन ने यह ध्यान दिलाया कि अमेरिका और नाटो ने अपने जवाब में रूस की मुख्य सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया है।