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दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में विधायक मोहन सिंह बिष्ट का नाम भी एकाएक चर्चाओं में…बोले पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता, हर आदेश स्वीकार
दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद अब अगले मुख्यमंत्री के नाम पर कयास लग रहे हैं। भाजपा ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का सफाई करते हुए विधानसभा में 48 सीटों पर विजय हासिल की है। इस प्रचंड जीत के बाद ऐसे कई नाम है जिन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चाएं लगातार तेज हो रही हैं। इस बीच उत्तराखंड मूल के मुस्तफाबाद से विधायक चुने गए मोहन सिंह बिष्ट का नाम भी एकाएक मुख्यमंत्री की दौड़ में चर्चाओं में आ गया है। दिल्ली विधानसभा में लगातार छठी बार मोहन सिंह विश्वविद्यालय चुने गए हैं जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
मोहन सिंह बिष्ट के दिल्ली की मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने का दवा किसी और ने नहीं बल्कि आज तक चैनल नहीं किया है। मुख्यमंत्री के तमाम दावेदारों के साथ ही आज तक ने मोहन सिंह बिष्ट से भी इस बारे में बात की।
आज तक चैनल ने बातचीत में दिल्ली में लगातार छठी बार विधायक बने मोहन सिंह बिष्ट जब कहा कि मुख्यमंत्री की रेस में आपका भी नाम शामिल है, आप इस बारे में क्या कहेंगे…. इसके उत्तर में मोहन सिंह बिष्ट का कहना था कि वह पार्टी के कार्यकर्ता है और उनके आदेश ही सर्वोपरि होता है, पार्टी ने उन्हें सीट बदलने का आदेश दिया तो उन्होंने पल भर में ही सीट बदल ली और वह पार्टी के हर आदेश को मानने को हमेशा तैयार हैं.
दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के लिए जिन नाम की चर्चा हो रही है उनमें यह शामिल हैं.
परवेश वर्मा: दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले परवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री के लिए सबसे आगे चल रहे हैं।
आशीष सूद: वरिष्ठ भाजपा नेता और दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पूर्व प्रभारी आशीष सूद एक और मजबूत दावेदार हैं।
विजेंद्र गुप्ता: दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता भी एक मजबूत संभावना के रूप में उभरे हैं।
सतीश उपाध्याय: दिल्ली बीजेपी के एक और पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय भी इस दौड़ में हैं।
शिखा रॉय: अगर बीजेपी किसी महिला उम्मीदवार को चुनती है, तो शिखा रॉय शीर्ष विकल्प हो सकती हैं ¹।
इन सब नाम के बीच अब नया नाम मोहन सिंह बिष्ट का भी जुड़ गया है।

