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विधायक मोहन सिंह बिष्ट का दिल्ली सरकार में बड़ा आदमी बनना तय, गृह मंत्री अमित शाह ने भी किया था वादा… यह 15 नाम हुए हैं शुरुआती तौर पर शॉर्टलिस्ट

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भाजपा सरकार के गठन की प्रक्रिया शनिवार से तेज हो जाएगी, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देर रात अपने विदेशी दौरे से वापस लौटेंगे। इसके बाद, दिल्ली में नए मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंचेगी। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस प्रक्रिया के लिए अपनी रणनीति पहले ही तैयार कर ली है और प्रधानमंत्री मोदी के दिल्ली पहुंचने के बाद सरकार बनाने की कवायद में तेजी आएगी। इस बीच उत्तराखंड मूल के दिल्ली में मुस्तफाबाद से विधायक चुने गए मोहन सिंह बिष्ट को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। भाजपा की शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री मंत्री और स्पीकर के लिए जिन 15 नाम को शुरुआत में फाइनल किया है, उन में लगातार छठी बार विधायक चुने गए मोहन सिंह बिष्ट का नाम भी शामिल है। उनके चुनाव प्रचार के दौरान खुद गृहमंत्री अमित शाह भी लोगों से वादा कर चुके थे कि मोहन सिंह को विधायक बनने के बाद उन्हें बड़ा आदमी बनाया जाएगा।

सीएम-मंत्रीमंडल का होमवर्क पूरा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने दिल्ली में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के चयन के लिए होमवर्क पूरा कर लिया है और अब केवल अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को हो सकता है। इससे पहले 16 या 17 फरवरी को विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच चर्चा के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का चयन होगा।

15 विधायकों के नामों पर विचार

सूत्रों के अनुसार, भाजपा के नवनिर्वाचित 48 विधायकों में से 15 विधायकों के नाम को लेकर पार्टी ने विचार किया है। इन नामों में से नौ नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो मुख्यमंत्री, मंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के रूप में नियुक्त होंगे। इनमें प्रमुख नेता विजेंद्र गुप्ता, प्रवेश वर्मा, शिखा राय, रेखा गुप्ता, अरविंदर सिंह लवली, मनजिंद्र सिंह सिरसा, राजकुमार चौहान, कैलाश गंगवाल, अभय वर्मा, कपिल मिश्रा, आशीष सूद, सतीश उपाध्याय, मोहन सिंह बिष्ट, प्रद्युम्न राजपूत, कैलाश गहलोत और कुलवंत राणा बताए जा रहे हैं।

विधायक दल की बैठक और नेतृत्व की तैयारी

विधायक दल की बैठक से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई राउंड की बैठकों में व्यक्तिगत तौर पर नवनिर्वाचित विधायकों से बातचीत की है। इन बैठकों में विधायकों के विचार और प्राथमिकताएं जानी गई हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी के आगामी नेतृत्व और मंत्रिमंडल गठन में उनकी राय को ध्यान में रखा जाए। लिहाजा उनकी प्रधानमंत्री के साथ बैठक में यह तय किया जाएगा कि कौन सा विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त है और किसे मंत्री या स्पीकर के रूप में नियुक्त किया जाए।

पार्टी नेताओं की बैठक और सियासी रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली लौटने के साथ ही भाजपा की राजनीति में नई हलचल देखने को मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान दिल्ली में पार्टी की आगामी सियासी रणनीति पर चर्चा होगी। इस बैठक में दिल्ली की सरकार गठन की प्रक्रिया पर आखिरी फैसले लिए जाएंगे। भाजपा का पूरा ध्यान इस समय दिल्ली की सियासत पर केंद्रित है और आगामी दिनों में यह तय हो जाएगा कि पार्टी की नई सरकार का स्वरूप क्या होगा।

नवीन सरकार और दिल्ली की सियासत

भाजपा की नई सरकार बनने के बाद दिल्ली की सियासत में एक नया मोड़ आएगा। पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा यह सुनिश्चित करेगी कि पार्टी के वादे पूरे किए जाएं और दिल्ली में विकास की गति तेज हो। सरकार के गठन के बाद दिल्ली की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की संभावना है, जो आगामी चुनावों में भाजपा के लिए मजबूती का संकेत हो सकता है। इस प्रकार, दिल्ली में भाजपा सरकार का गठन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना होने जा रहा है, जो न केवल दिल्ली की सियासत को प्रभावित करेगा, बल्कि पूरे देश की राजनीति पर भी असर डालेगा।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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