उत्तराखण्ड
मंत्रियों को अफसराें की एसीआर के हक पर रार, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मांग-विचार करेंगे मुख्यमंत्री
काबीना मंत्री सतपाल महाराज द्वारा मंत्रियों को विभागीय अफसरों की वार्षिक गोपनीय आख्या (एसीआर) लिखने का हक देने का कुछ मंत्रियों ने भी समर्थन किया। यह मुद्दा मंगलवार को एक बार सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने उठा। सीएम ने कहा कि यह नया विषय सामने आया है। इस पर गंभीरता से विचार होगा।
सतपाल महाराज इस मुद्दे को पिछले काफी समय से उठाते आ रहे हैं। उनका तर्क यह है कि दरअसल, सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार सीएम के पास होने की वजह से अधिकारी, कई बार अपने मंत्री की अनदेखी करने लगते हैं। राज्य गठन के बाद से कई बार मंत्रियों और अफसरों के आपसी मनमुटाव की बातें सामने आती रहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीएम के साथ सामान्य बैठक में महाराज ने इस विषय को एक बार फिर उठाया। अन्य मंत्रियों ने भी इसकी पैरवी की। काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि विभागीय मंत्री को अपने सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार होना ही चाहिए।
पहले यह व्यवस्था लागू भी थी। मंत्री चंदनराम दास ने कहा कि राज्य में कुछ समय तक मंत्री को विभागीय सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार था। यदि प्रशासनिक क्षमता को ठीक करने के लिए यह उचित कदम होगा तो सभी मिलकर मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे।
यह नया विषय मेरी जानकारी में लाया गया है। इस पर विचार करूंगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

