others
23 को आ सकता है कोरोना का पीक, मगर बात राहत की है
यह अध्ययन कोविड ट्रेकर के सूत्र मॉडल के आधार पर किया गया है। इसके अनुसार दिल्ली व मुंबई जनवरी के दूसरे सप्ताह में पीक पर पहुंच चुके हैं।
विस्तार
देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आईआईटी के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने ताजा अध्ययन् के नतीजे जारी किए हैं। इसमें अनुमान जताया गया है कि तीसरी लहर के दौरान रोजाना चार लाख से ज्यादा केस आने की आशंका नहीं है। अध्ययन में दावा किया गया है कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पीक आ चुका है। देश की बात करें तो 23 जनवरी को पीक आ सकता है।
यह अध्ययन कोविड ट्रेकर के सूत्र मॉडल के आधार पर किया गया है। इसके अनुसार दिल्ली व मुंबई जनवरी के दूसरे सप्ताह में पीक पर पहुंच चुके हैं। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अग्रवाल ‘सूत्र संकुल’ के शोधकर्ताओं में से एक हैं। वे कोविड के आंकड़ों को लेकर महामारी की शुरुआत से नजर रख रहे हैं। उनके अनुसार कोरोना का परिभ्रमण पथ (trajectories) पूरे देश में बदल चुका है। इसकी दो वजह हो सकती है। एक तो यह कि कमजोर इम्युनिटी वालों में ओमिक्रॉन का फैलाव धीमा पड़ चुका हो और दूसरा इसकी चपेट में आने वाला संभावित आबादी समूह में यह फैल चुका हो।
अध्ययन में दावा किया गया है कि 11 जनवरी तक के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि 23 जनवरी तक देश में पीक आ सकता है और करीब 7.2 लाख केस रोज मिल सकते हैं, लेकिन संक्रमण का वास्तविक पथ पहले ही काफी बदल चुका है, इसलिए असल पीक के वक्त 4 लाख केस प्रतिदिन से आने की संभावना नहीं है।
दिल्ली के अधिकारी संकेत दे रहे हैं कि वहां पीक आ चुका है, क्योंकि वहां दैनिक नए मामलों की संख्या स्थिर हो चुकी है। मंगलवार को दिल्ली में 11,684 केस आए, जबकि सोमवार को 12,527 केस मिले थे। 13 जनवरी को दिल्ली में इस लहर के सर्वाधिक 28,867 केस मिले थे। यह एक दिन की सर्वाधिक बढ़ोतरी थी। पीक को लेकर ये आंकड़े गणितीय अनुमान पर आधारित हैं। इनकी गणना सूत्र संकुल ने कोविड की तीसरी लहर के आंकड़ों और जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर की है।
यह है पीक की तारीखों का अनुमान
- असम 26 जनवरी
- बिहार 17 जनवरी
- उत्तर प्रदेश 19 जनवरी
- हरियाणा 20 जनवरी
- गुजरात 19 जनवरी
- महाराष्ट्र 19 जनवरी
- कर्नाटक 23 जनवरी
- आंध्रप्रदेश 30 जनवरी
- तमिलनाडु 25 जनवरी
- बेंगलुरु 22 जनवरी
- कोलकाता 13 जनवरी
- दिल्ली 16 जनवरी
- मुंबई 12 जनवरी