उत्तराखण्ड
लोहाघाट निवासी प्रसूता दो अस्पतालों से रेफर हुई नहीं मिला इलाज और चली गई जान
चंपावत जिले में लोहाघाट तल्ली चानमारी निवासी एक गर्भवती की जान रेफर-रेफर में चली गई। गर्भवती महिला एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से हायर सेंटर रेफर कर दी गई। समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। जिला अस्पताल की दो गायनाकोलॉजिस्ट अवकाश पर होने से गर्भवती को जान गंवानी पड़ी।
मिली जानकारी के अनुसार अमिशा (26) निवासी तल्ली चानमारी लोहाघाट को रविवार रात प्रसव पीड़ा होने लगी। रात एक बजे परिजन उसे गंभीर हालत में उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट ले गए। गर्भवती को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर भेज दिया। तड़के करीब 3:20 बजे गर्भवती को चंपावत अस्पताल में लाया गया। इसके बाद जिला अस्पताल की एलएमओ ने उनका प्राथमिक इलाज शुरू किया।विज्ञापनबताया गया कि 10 से 15 मिनट में प्रसव हो जाएगा। इसके बाद किसी तरह एलएमओ ने उसका प्रसव कराया। उस समय गर्भवती चिकित्सक से बात कर रही थी। उसके कुछ देर बाद गर्भवती को रक्तस्राव होने लगा और बीपी भी कम होने लगा। उसकी स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई हे।
परिजन उसके शव को वापस ले आए। गर्भवती की मौत से परिजनों और क्षेत्र में शोक छा गया। प्रभारी पीएमएस डॉ. प्रदीप बिष्ट ने बताया कि गर्भवती के तीमारदारों को अस्पताल में गायनाकोलॉजिस्ट के नहीं होने की जानकारी दे दी गई थी। प्लेसेंटा बाहर नहीं निकलने से अधिक रक्तस्राव हो गया था। उसका बीपी कम हो गया था। इस कारण उसे रेफर करना पड़ा।नवजात के सिर से छिना मां का सायापैदा होते ही नवजात के सिर से मां का साया छिन गया। गंभीर हालत में मां को रेफर करना पड़ा। बाद गर्भवती महिला का पूर्व में ऑपरेशन से बच्चा हो चुका है। रेफर करने के बाद उसकी निजी अस्पताल में मौत हो गई।