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हल्द्वानी: कांग्रेस में दावेदारी के लिए उठे कई “हाथ”, किसके हाथ टिकट यह कांग्रेस के “ह्रदय” में
हल्द्वानी। कुमाऊं के द्वार और यहां की सबसे बड़ी नगर निगम सीट पर आज कांग्रेस की तरफ से दावेदारों के दावेदारी का दिन है। जब तक यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी तब तक तो कांग्रेस के नेता हाथ पर हाथ धरे बैठे थे। ओबीसी होने की स्थिति में किसी कांग्रेसी नेता की सर पर “हाथ” रखा जाए यह किसी भी कांग्रेसी नेता को नहीं मालूम था। कांग्रेसी खेमे में भाजपा में चल रही राजनीति को लेकर के वेट एंड वॉच की ही स्थिति थी। मगर सोमवार से एकाएक राजनीति ने यहां करवट ली और हल्द्वानी नगर निगम की सीट सामान्य श्रेणी में आ गई। सीट सामान्य होते ही कांग्रेस और भाजपा में वह तमाम दावेदार जो अब तक मायूस थे एकाएक फिर सक्रिय हुए। और अब दावेदारों की दावेदारी की जोर आजमाइश फिर से शुरू हो गई है।
कांग्रेस की अगर बात करें तो आज यहां सुबह से ही स्वराज आश्रम यानी कांग्रेस के घोषित दफ्तर में गहमाग़हमी का माहौल था। टिकट की दावेदारों की यहां सुबह से आवाजाही शुरू हुई जो की खबर लिखे जाने तक भी जारी थी और यह प्रक्रिया शाम तक जारी ही रहेगी। मगर कांग्रेस दफ्तर का जो माहौल था उससे यह सांप था कि यह सीट सामान्य होने के बाद अब टिकट की जोर आजमाइश कांग्रेस में भी बहुत जोरदार ढंग से होने वाली है। न केवल टिकट मिलने को लेकर बात बल्कि टिकट मिलने के बाद नगर निगम की मेयर की जीत पर भी यहां आए प्रत्याशी आश्वस्त दिख रहे थे। साफ था कि कांग्रेस इस चुनाव को लेकर के बहुत उत्साहित और दावेदार भी काफी ऊर्जा से भरे हुए हैं।
स्वराज आश्रम में एक विषय यह देखने को मिला कि अब तक पारंपरिक दावेदारों के अलावा एक नाम ऐसा निकलकर आया जो हल्द्वानी में सामाजिक क्षेत्र में काफी चर्चित और समर्पित है। हल्द्वानी में सामाजिक क्षेत्र में इस नाम ने अब तक काफी नाम कमाया है। यह नाम है योगेश जोशी का। योगेश जोशी दरअसल राजनीति में तो एकाएक आए दिखते हैं मगर समाज के तमाम वर्गों में अपने समाज सेवा के क्षेत्र में उन्होंने जिस तरह से पेट बनाई है उसे यह बात निकलकर सामने आई के समाज का एक आम वर्ग यह चाहता है कि वह नगर निगम में दावेदारी ही न करें बल्कि आगे बढ़कर चुनाव भी लड़ें। हल्द्वानी में स्थापित ब्लड बैंक से लेकर तमाम सामाजिक क्षेत्र के उनके ऐसे कार्य हैं जहां वह हर गरीब की मदद करते हुए दिख जाते हैं। कम से कम हल्द्वानी के लोगों को यह बताने की आवश्यकता भी नहीं महसूस होती है कि योगेश जोशी का सामाजिक क्षेत्र में काम करने का दायरा कितना बड़ा है। योगेश जोशी का दावेदारी को लेकर यह कहना था कि वह समाज सेवा में यह सोचकर नहीं आए कि उन्हें राजनीति में कुछ नाम कमाना है। उनके जीवन का केवल और केवल एक उद्देश्य है वह है लोगों में समाज शिवा की प्रति जज्बा पैदा करना और यह काम वह खुद शुरू करके आगे बढ़ रहे हैं। अब अगर उनकी राजनीति में आने के बाद समाज सेवा के क्षेत्र में उनके कार्य का दायरा बढ़ता है तो इस बात से उन्हें कोई गुरेज नहीं और ऐसा वह खुद नहीं बल्कि समाज के ही लोग चाह रहे हैं। बता दे कि बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने ही योगेश जोशी के पास पहुंचकर यह बात सामने रखी कि उन्हें नगर निगम में मेयर सीट के लिए दावेदारी के लिए आगे आना चाहिए।
पारंपरिक राजनीति की अगर बात करें तो इसमें जो नाम आया वह था पूर्व पालिका अध्यक्ष हेमंत बगड़वाल का। हेमंत बगड़वाल का सामाजिक दायरा भी हल्द्वानी में काफी विस्तृत है और कांग्रेस की टिकट की दावेदारों की बात करें तो उनका भी दवा बहुत मजबूत बनता है। राज्य आंदोलनकारी और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ललित जोशी ने पूरे जोशो खरोस के साथ दावेदारी की। उनका कहना था कि छात्र राजनीति से लेकर अब तक उन्होंने एक समर्पित कार्यकर्ता की तरह कांग्रेस के लिए कार्य किया है और मेयर पद पर उनकी दावेदारी बहुत मजबूती से बनती है।
जिलाध्यक्ष राहुल चिमवाल, पूर्व दर्जा मंत्री सुहैल सिद्दीकी, नगर अध्यक्ष गोविन्द सिंह बिष्ट, शोभा बिष्ट, जया कर्नाटक, सौरभ भट्ट, अखिल भंडारी आदि ने भी दावेदारी की है। सभी दावेदारों ने नगर निगम सीट पर कांग्रेस के प्रभारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के सामने दावेदारी जताई।