उत्तराखण्ड
##कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल में मजाक बनकर रहा गया माड्यूलर आपरेशन थिएटर
हल्द्वानी। डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में जहां कुछ डाक्टर व स्टाफ पूरी मेहनत से मरीजों की सेवा में जुटे हैं, वहीं तमाम सुविधाओं के नाम पर मजाक बना दिया गया है। दावे इतने बड़े की की अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्रामा सेंटर व बर्न यूनिट बनेगी, लेकिन हकीकत यह है कि इस यूनिट में ठीक से एसी तक संचालित होता है। जहां इसकी वजह से मरीज परेशान हैं।
वहीं उमस भरी गर्मी में डाक्टरों व स्टाफ के लिए काम करना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद निर्माण एजेंसियों की कार्यप्रणाली का लेकर जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिधियों ने मौन धारण कर लिया है।
ट्रामा सेंटर की ओटी का हाल बेहाल
एसटीएच के ट्रामा सेंटर में माड्यूलर आपरेशन थिएटर (ओटी) बनाए गए हैं। अत्याधुनिक वार्ड है। सरकारी दस्तावेजों में हाईटेक जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। पिछले दो साल से पेयजल निर्माण निगम इस सेंटर को बना रहा है। 2.48 करोड़ रुपये सिर्फ निर्माण की लागत थी। दो महीने पहले ट्रामा सेंटर में जैसे ही मरीजों को बेहतर इलाज के लिए भर्ती किया गया था।
सेंटर शुरू होते ही एसी ने दगा दे दिया और आइसीयू जैसे वार्ड में मरीज की जान हथेली पर आ गई। पता नहीं कितनों की जान गई होगी। इसी सेंटर में माड्यूलर ओटी भी बनाई गई है। ड्रेनेज सिस्टम ही ठीक नहीं है। गंदगी कुछ देर तक रूक जाती है।
दो महीने से न्यूरोसर्जरी जैसे महत्वपूर्ण आपरेशन हो रहे हैं, लेकिन बिना एसी के। ऐसी ओटी, जो संक्रमण से बचाव के लिहाज से पूरी तरह बंद हाेती है। वहां एसी अब तक खराब है। खिड़कियां खोल दी जाती हैं और डाक्टर से लेकर स्टाफ तक के पसीने छूट जाते हैं। इसके बावजूद निर्माण एजेंसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
लापरवाही से झुलस रहा हाइटेक बर्न यूनिट
एसटीएच में हाइटेक व अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त बर्न यूनिट बनाने का ठेका मंडी परिषद की निर्माण विंग को मिला। दो करोड़ चार लाख रुपये का सिर्फ निर्माण कार्य व एसी लगाने का ठेका था। इसके बावजूद हकीकत सबके सामने हैं।
कई बार एसी खराब हो चुका है और यूपीएस का पता ही नहीं। जबकि वर्ष भर 300 से 400 मरीज जले हुए पहुंचते हैं। प्रतिमाह 50 से 80 मरीजों का आपरेशन होता है। इसके बावजूद जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीजों और उनके इलाज में लगे डाक्टर व स्टाफ की चिंता किसी को नहीं है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
– पेयजल निगम के जेई सूर्य प्रकाश बड़ोनी ने बताया कि एसी व अन्य जो भी प्रकरण है। इस संदर्भ में हमारी बात प्राचार्य से हो गई है, जो शिकायतें हैं उसका समाधान करा दिया जाएगा।
– मंडी परिषद निर्माण खंड के एई उमेश श्रीवास्तव का कहना है कि एसी, टेक्निकल चीज है। यह वारंटी में हैं। कंपनी को बता दिया गया है। इसे ठीक करा दिया जाएगा।
– हल्द्वानी मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि ट्रामों सेंटर व आपरेशनथ थिएटर व बर्न यूनिट में भी कमियां हैं। उसे दुरुस्त करने को निर्माण एजेंसियों से कहा गया है। एजेंसियों की ओर से जल्द ठीक कराने को लेकर आश्वस्त किया गया है।

