Connect with us
अद्वैत आश्रम मायावती के धर्मार्थ चिकित्सालय में अध्यक्ष शुद्धिदानंद जी महाराज के साथ सभी संत और डॉक्टर ।

others

लोहाघाट: मानवसेवा की प्रवृत्ति एवं संस्कृति की प्रेरणा का स्रोत ईश्वर होता है: स्वामी शुद्धिदानंद

खबर शेयर करें -
  • चिकित्सा पेशे में पद प्रतिष्ठा तो होती हैं, लेकिन रोगियों की दुआएं लेने का सौभाग्य तो बहुत कम लोगों को मिल पाता है–डॉ डीएस दुबे

लोहाघाट। चिड़ियादूंगा गांव में रिद्धि –सिद्धि भवन मैं आज मानव की निस्वार्थ सेवा में लगे विद्वान संतों एवं अपने पेशे में माहिर डॉक्टरों को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया। मौका था अद्वैत आश्रम मायावती के अध्यक्ष एवं विद्वान संत स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज के नेतृत्व में नर को नारायण मानकर उनकी सेवा करते आ रहे संतों एवं देश के विभिन्न स्थानों से प्रतिवर्ष यहां निशुल्क चिकित्सा सुविधा देकर गरीबों को नया जीवन देते आ रहे विशेषज्ञ डॉक्टरों को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लेना था।

गीतांजलि सेवा संस्था के अध्यक्ष एवं भाजपा प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य सतीश चंद्र पांडे ने सभी का माल्यार्पण कर उन्हें अंग वस्त्र भेंट किया। कहा जिस प्रकार गंगा के किनारे रहने वाले लोग उसका महत्व नहीं जानते हैं ठीक उसी प्रकार युगपुरुष स्वामी विवेकानंद जी की परिकल्पना के अनुसार यहां के धर्मार्थ चिकित्सालय से गरीबों को जो नया जीवन मिल रहा है। उसका एहसास तो वही लोग बता सकते हैं जिनका यहां आने के बाद ही रोग स्वयं आधा रह जाता है जबकि उपचार के बाद उन्हें पूर्ण आरोग्य मिल जाता है। आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज ने कहा कि मानव सेवा की प्रवृत्ति एवं संस्कृति की प्रेरणा तो भगवान से ही मिलती है। यदि हमारा चिंतन परमार्थ का होगा तो ऐसे विचार मन में स्वयं पैदा होने लगते हैं। पिछले 16 वर्षों से यहां निशुल्क सेवा एवं अपने चिकित्सा अनुभव का लाभ देते आ रहे हैं डॉ डीएस दुबे एवं लंबे समय से गुजरात से यहां आकर सर्जिकल कार्य कर रहे डॉ हरेश शाह ने कहा अद्वैत आश्रम मायावती के धर्मार्थ चिकित्सालय से सेवा व समर्पण की जो महका निकलती है, वही हमें इतनी दूर से यहां खींच कर ले आती है। हमें यहां सेवा करते हुए लोगों की जो दुआएं मिलती हैं वह बाजारों से नहीं खरीदी जा सकती। मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म और कर्म नहीं होता। यहां के चिकित्सालय में जिस प्रकार बिना किसी लेन देन के रोगियों को पूरा उपचार किया जाता है, इसका अनुभव तो यहां आने पर ही किया जा सकता है।

इस अवसर पर स्वामी एकदेवानंद जी महाराज ,स्वामी मधुरानंद जी, स्वामी तैगमयानंद जी, सर्जन डॉ नीरज दुबे , डॉ उदय चौरसिया, डॉ अंशुमान चौहान, डॉ अनुज सिंह राणा भी मौजूद थे।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in others

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page