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जानें, गुरुवार के दिन क्या करें और किन चीजों को करने की है मनाही

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गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु जी की भक्ति भाव से पूजा-उपासना की जाती है। ज्योतिषों की मानें तो गुरु बली रहने से जातक के जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन निरंतर होता है। वहीं, अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। संतान योग भी गुरु बली रहने से बनता है। अतः ज्योतिष हमेशा गुरु मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके लिए महिलाएं और अविवाहित कन्याएं गुरुवार का व्रत रखती हैं। गुरुवार व्रत की शुरुआत खरमास और चातुर्मास में छोड़कर बाकी के महीनों में शुक्ल पक्ष के गुरुवार को करना चाहिए। गुरुवार व्रत करने के कई कठोर नियम भी हैं। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। आइए जानते हैं कि गुरुवार के दिन क्या करें और किन चीजों को करने की है मनाही-

क्या न करें

-गुरुवार को बाल नहीं कटवाना चाहिए। इस दिन बाल कटवाने से बृहस्पति देव नाराज हो जाते हैं। इससे व्यक्ति को अनचाही संकटों का सामना करना पड़ता है।

-इस दिन बाल धोने की भी मनाही है। आसान शब्दों में कहें तो गुरुवार को साबुन और शैंपु का उपयोग न करें।

-गुरुवार के दिन कपड़े धोने की भी मनाही है। चूंकि, कपड़े धोने में साबुन या सर्फ का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यतिषों की मानें तो गुरुवार के दिन साबुन और शैंपु के उपयोग से गुरु कमजोर होता है।

-गुरुवार को नाखून भी नहीं काटना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिन इन चीजों को करने से गुरु कमजोर होता है, जिससे घर की सुख सम्पत्ति और धन का ह्वास होता है। हालांकि, इसके पीछे कई मिथ्या है जिसके चलते इन चीजों की मनाही है।

-गुरुवार को लड़कियों को बाल नहीं धोने चाहिए। ऐसा करने से गुरु कमजोर होता है।

-गुरुवार को धन के लेन-देन से गुरु कमजोर होता है, जिससे आर्थिक संपनता चली जाती है।

क्या करें

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान कर पीले रंग का वस्त्र (कपड़े) पहनें। अब यथाशीघ्र ( मौन रह) भगवान भास्कर और केले के पेड़ को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद केले के पेड़ की पूजा गुड़, चने की दाल, केले, पीले चंदन और फूल से करें। गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें। अंत में भगवान श्रीहरि विष्णु जी की आरती कर मनचाहे वर की कामना नारायण हरि विष्णु से करें। दिन भर अपनी क्षमता के अनुसार उपवास रखें। शाम में आरती-अर्चना के बाद पीले रंग युक्त भोजन करें। इसके लिए आप बेसन की रोटी बनाकर खा सकती हैं। अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा पाठ सम्पन्न कर व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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