उत्तराखण्ड
जानिए कौन होते हैं फ्लोटिंग वोटर, जिन्हें रिझाने में जुटे हैं राजनीतिक
देहरादून। Uttarakhand Chunav 2022 उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मतदान को अब एक दिन का समय शेष है। सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। इस समय राजनीतिक दल और प्रत्याशियों की नजरें फ्लोटिंग वोटर पर टिकी हुई है। ये ऐसे वोटर होते हैं जो अंतिम समय में किसी प्रत्याशी अथवा दल के पक्ष में मतदान के लिए अपनी राय बनाते हैं। इनकी संख्या चार से पांच फीसद के आसपास ही होती है, लेकिन ये किसी भी सीट पर प्रत्याशी के भाग्य का फैसला तय कर सकते हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी तकरीबन 18 सीटें ऐसी थीं, जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला पांच फीसद से भी कम वोट से हुआ था।
विधानसभा चुनाव के लिए इस समय सभी राजनीतिक दल अपने कार्यकर्त्ता और समर्थकों के साथ जुटे हुए हैं। मतदान से ऐन पहले किसी दल और प्रत्याशी के पक्ष में बना हुआ माहौल तकरीबन चार से पांच फीसद मतदाताओं की पसंद तय करता है। ऐसे मतदाता फ्लोटिंग वोटर कहलाते हैं।
बीते विधानसभा चुनाव पर ही नजर डालें तो प्रदेश की पांच सीटें ऐसी थीं, जहां हार-जीत का अंतर एक हजार वोट से भी कम रहा। इनमें जागेश्वर, सोमेश्वर, केदारनाथ और लोहाघाट की सीट शामिल रहीं। इन सभी सीटों पर अंतर 1.55 फीसद से कम रहा। इसी प्रकार छह सीटें ऐसी रहीं, जहां हार-जीत का अंतर 2000 से कम था। यहां प्रतिशत में अंतर 4.69 से कम रहा। इनमें लक्सर, पिरान कलियर, चकराता, धनोल्टी, प्रतापनगर और पुरोला विधानसभा सीट शामिल है। वहीं, प्रदेश में 15 सीट ऐसी हैं, जहां हार-जीत का अंतर पांच हजार वोट से कम रहा था।
साभार न्यू मीडिया।