उत्तराखण्ड
कस्तूरी स्पेशल :- लालकुआं में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की राह आसान नहीं
पूर्व सीएम हरीश रावत अब लालकुआं सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बुधवार देर रात जारी लिस्ट में संशोधन के बाद हरदा की सीट बदल गई। रामनगर में हरदा और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत की आपसी लड़ाई के चक्कर में हाईकमान ने दोनों को इस सीट से दूर कर दिया, जिसके बाद रणजीत को सल्ट और हरीश रावत को चुनाव लडऩे के लिए लालकुआं भेजा गया है। हालांकि, लालकुआं में पूर्व सीएम की राह आसान नहीं है। उन्हें बगावत के साथ भीतरघात का सामना भी करना पड़ सकता है। पूर्व में कांग्रेस ने यहां से संध्या डालाकोटी को टिकट दिया था। टिकट कटने के बाद भावुक हुईं संध्या ने कहा कि पार्टी को बताना होगा कि मेरी गलती क्या है।
कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत की सीट का एलान भी हुआ था। पार्टी ने उन्हें रामनगर से मैदान मेें उतारा। कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत लंबे समय से इस सीट पर तैयारी कर रहे थे। ऐेसे में रणजीत समर्थक हरदा के विरोध में उतर आए। इंटरनेट मीडिया पर भी खासा विवाद देखने को मिला, जिसके बाद बुधवार रात कांग्रेस की तीसरी और संशोधित सूची जारी हुई, जिसमें हरदा को लालकुआं और रणजीत को सल्ट से उम्मीदवार बनाया गया। वहीं, लालकुआं में पार्टी ने पहले पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी को टिकट दिया था, मगर 48 घंटे के भीतर उनकी उम्मीदवार खत्म कर दी गई। इससे नाराज डालाकोटी समर्थकों ने गुरुवार को उनके गौलापार स्थित आवास पर महापंचायत की। इस दौरान संध्या की आंखों से आंसू निकल आए।
उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्थिति अच्छी होने के कारण पैनल में नाम गया था। उप्र में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवार खड़े किए। कुमाऊं से सिर्फ दो महिलाओं को ही टिकट मिला। लेकिन तीसरे दिन मुझे बताया गया कि टिकट पर विचार किया जा रहा है। संध्या ने कहा कि मैंने कांग्रेस के लिए संघर्ष किया। अपने परिवार से दूर रही। ऐसे में पार्टी को बताना होगा कि मेरी गलती क्या है? टिकट से पहले सभी कहते थे कि जिसका भी नाम होगा। सब उसका साथ देंगे। मगर एक महिला को टिकट मिलने पर सभी विरोध में खड़े हो गए। संध्या व उनके पति किरन डालाकोटी ने कहा कि समर्थकों संग विचार करने के बाद निर्दलीय चुनाव लडऩे को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।
हरेंद्र और दुर्गापाल मान गए
लालकुआं सीट पर टिकट घोषणा के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल और वरिष्ठ नेता हरेंद्र बोरा की नाराजगी भी सामने आई थी। दोनों के गुट बगावत पर उतर आए। समर्थकों के बीच महापंचायत भी हुई। बोरा और दुर्गापाल को एक-दूसरे का राजनीतिक विरोधी भी माना जाता है, जिसके बाद इस सीट पर उठ रहे विवाद को शांत करने के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य मैदान में उतरे और उन्होंने दोनों को मना भी लिया।