राष्ट्रीय
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के नए प्रविधानों का बंगाल के बाद झारखंड ने भी किया विरोध
केंद्र में बड़े पैमाने पर आइएएस एवं आइपीएस अधिकारियों की कमी को देखते हुए केंद्रीय कार्मिक विभाग एक संशोधन की तैयारी में है, जिसके तहत राज्य में तैनात केंद्रीय सेवा के अधिकारियों (आइएएस, आइपीएस एवं वन सेवा समेत अन्य केंद्रीय सेवाओं से जुड़े अधिकारियों) की सीधी प्रतिनियुक्ति केंद्रीय स्तर पर की जा सकती है। वर्तमान में इसके लिए राज्य सरकार की सहमति का प्रविधान है। केंद्र ने इससे संबंधित ड्राफ्ट सभी राज्यों को भेजा है, जिसका विरोध बंगाल के बाद झारखंड ने भी कर दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकृत सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने पहले से ही केंद्रीय सेवा के अधिकारियों की कमी के आधार पर इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
केंद्र में अधिकारियों की कमी के आधार पर प्रतिनियुक्ति का मामला
केंद्र में फिलहाल उपसचिव, निदेशक एवं संयुक्त सचिव स्तर के कई आइएएस अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस परिस्थिति में केंद्र सरकार चाहती है कि राज्यों में तैनात केंद्रीय सेवा के अधिकारियों को वापस बुलाने का अधिकार केंद्र के पास हो। वर्तमान में इसके लिए राज्य सरकार की सहमति अनिवार्य है।
राज्य सरकार की सहमति को दरकिनार करने के तर्क पर ड्राफ्ट का हो रहा विरोध
वर्तमान में तैयार ड्राफ्ट के अनुसार केंद्र सरकार अपनी जरूरतों को देखते हुए किसी भी अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला सकती है। इससे संबंधित एक ड्राफ्ट राज्यों से सहमति के लिए भेजा गया है, जिस पर बंगाल के बाद अब झारखंड में भी अपनी असहमति जताई है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है। इस प्रकार केंद्र सरकार और गैर भाजपा शासित राज्यों के बीच खींचतान और बढ़ गई है।