उत्तराखण्ड
Jamrani Dam : जमरानी के विस्थापितों को प्राग फार्म में बसाने को तैयार होगा मास्टर प्लान
हल्द्वानी : Jamrani Bandh : जमरानी बांध से जुड़े लोगों को किच्छा के प्राग फार्म में विस्थापित करने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। परियोजना के प्रबंधक हिमांशु पंत ने समन्वय समिति में शामिल ग्रामीणों को इस बाबत पत्र भेजा है। जिसमें कहा कि अगर कोई व्यक्ति मास्टर प्लान को लेकर सुझाव देना चाहता है तो लिखित में सूचित कर सकता है।
जमरानी बांध का मामला 1975 से चल रहा है। इस बीच कई सरकारें आई और गई लेकिन बांध को लेकर धरातल पर कुछ नहीं हुआ। हालांकि, पिछले दो साल में सर्वे और प्रस्ताव से जुड़े कामों में कुछ तेजी जरूर आई। लेकिन विस्थापन का मामला अटकता रहा। बांध के निर्माण के लिए 2700 करोड़ रुपये की जरूरत है। आगे बजट और बढ़ेगा। फिलहाल एडीबी यानी एशियन डेवलेपमेंट बैंक पैसे देने को तैयार है।
इसलिए जमरानी परियोजना से जुड़े अधिकारी एडीबी की सभी शर्तों को पूरा करने मेें जुटे हैं। बांध के निर्माण के लिए 400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जिसमें से 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी जमीन है। ग्रामीणों की 50 हेक्टेयर जमीन लेने के लिए उन्हेें जमीन और अन्य सुविधाएं मुहैया करना जरूरी था। विस्थापन के लिए ऊधम सिंह नगर में कई जगहों पर भूमि देखी गई। मगर ग्रामीण किच्छा के प्राग फार्म में बसाने को लेकर अड़े रहे। वहीं, दो माह पहले शासन के निर्देश पर बांध की जमीन पर धारा 11 लागू कर दी गई।
जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जमीन को खरीद या बेच नहीं सकता। क्योंकि, इसका इस्तेमाल जनहित से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट के लिए होना है। इससे पूर्व धारा आठ की प्रक्रिया पूरी हो गई थी। यानी ग्रामीण अपनी जमीन बांध के लिए देने को तैयार है। बशर्ते उन्हें किसी बेहतर जगह बसाया जाए। अब परियोजना के अफसरों ने प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और समन्वय समिति में शामिल लोगों को पत्र भेजा है। जिसमें कहा कि प्राग में विस्थापन को लेकर मास्टर प्लान तैयार होगा। जिसके लिए गांव के लोग अपने सुझाव दे सकते हैं।