पिथौरागढ़
जलागम विकास परियोजना: डीएम ने कहा मत्स्य , मुर्गी, बकरी पालन जैसी योजनाओं को भी करें शामिल
पिथौरागढ़। जिलाधिकारी डा. आशीष चैहान ने जिला जलागम विकास परियोजना समिति के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ( जलागम विकास घटक-2 ) की बैठक ली। बैठक में जिला जलागम विकास परियोजना समिति के सदस्यों ने जलागम विकास घटक-2 परियोजना के तहत जनपद में किये जाने वाले विकास कार्याें पर विचार विमर्श किया। बैठक में जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक जलागम परियोजना अनिल कुमार टम्टा को निर्देश दिये कि जलागम विकास घटक-2 परियोजना के अंतर्गत जो भी कार्य प्रस्तावित किये जायें वे औचित्यपूर्ण होने चाहियें। इन विकास कार्याें से अधिक से अधिक जनता लाभान्वित होनी चाहिये तथा कार्य स्थायी प्रकृति के होने चाहिये ताकि जनता उन विकास योजनाओं व कार्यों का लम्बी अवधि तक लाभ ले सके। जिलाधिकारी ने जलागम विकास घटक-2 परियोजना के अन्तर्गत बड़े प्रोजेक्ट को महत्व दिये जाने की बात कही।
जिलाधिकारी ने कहा कि जलागम परियोजना में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए आजीविका संबंधी कार्य प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावित किये जायें। योजना से लाभान्वित करने हेतु 5-5 लोगों के समूह बनाये जायें। समूहों को ऐसी आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जाय कि योजना के तहत जो भी वस्तुएं एवं सहायता उन्हें प्रदान की जाये वह उनमें बराबर-बराबर वितरित हो सके। जिलाधिकारी ने जलागम विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य तालाब, फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट, उन्नत कृषि यंत्र वितरण, मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं जल संग्रहण जैसे कार्यों को महत्व दिये जाने की बात कही।
बता दें कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ( जलागम विकास घटक-2 ) के अंतर्गत जनपद को लगभग रूपये 62 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। जिसके अंतर्गत जनपद के बेरीनाग, गंगोलीहाट व पिथौरागढ़ क्षेत्रांतर्गत स्थित ग्राम पंचायतों को विभिन्न विकास योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है। जलागम विकास परियोजना के अंतर्गत जल संरक्षण, संवर्द्धन एवं संग्रहण सम्बन्धी गतिविधियां, भूमि संरक्षण सम्बन्धी गतिविधियां, कृषि-उद्यान संबंधित आय अर्जक सम्बन्धी गतिविधियां एवं गरीबी रेखा से नीचे के व्यक्तियों के लिए आय संबंधी गतिविधियां प्रस्तावित हैं। जिनकी कार्ययोजना को लेकर बैठक में विस्तारपूर्वक विचार विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलागम विकास घटक-2 ) वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2027 तक 5 वर्षाें के लिए स्वीकृत हुई है।
बैठक में डीएफओ केके रोशे, परियोजना निदेशक जलागम परियोजना अनिल कुमार टम्टा, मुख्य कृषि अधिकारी रितू टम्टा आदि उपस्थित थे।