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500 करोड़ ठगी का आरोपी जगदीश दुबई से गिरफ्तार, प्रदेश की सबसे बड़ी ठगी है अब तक की

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पिथौरागढ़। पूरे प्रदेश और देश में चर्चा में रहे पिथौरागढ़ जिले में 500 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले के मास्टर माइंट को पुलिस ने दुबई से गिरफ्तार किया है। प्रदेश में यह अब तक की सबसे बड़ी ठगी है। सीबीआई, विदेश और गृह मंत्रालय के सहयोग से पुलिस ने यह बड़ी सफलता हासिल की है। मामले के मास्टर माइंड को चार साल बाद दुबई के संयुक्त अरब अमीरात से गिरफ्तार कर भारत लाया जा सका है।

मामले के अनुसार वर्ष 2021 में पिथौरागढ़ जिले में विभिन्न कंपनियों, शेयर मार्केट में धन लगाने के नाम पर 500 करोड़ रुपये से अधिक ठगी का मामला सामने आया था। इस गिरोह के मास्टर माइंट पिथौरागढ़ जिले के सिलपाटा निवासी जगदीश पुनेठा ने पत्नी, भाई और पिता सहित 15 सदस्यों का गिरोह बनाकर इस ठगी को अंजाम दिया था। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इस गिरोह के 15 सदस्यों को तो गिरफ्तार किया लेकिन मुख्य सरगना जगदीश पुनेठा फरार हो गया। जिले के विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने इसकी काफी खोजबीन की लेकिन अब तक वह गिरफ्त से बाहर था। अब तक चली जांच में उसके दुबई के संयुक्त अरब अमीरात में होने का पता चला लेकिन पुलिस के लिए यहां तक पहुंचना चुनौती था। पुलिस ने ऐसे में सीबीआई की मदद ली।

सीबीआई ने राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में कार्य करते हुए मामले को इंटरपोल के समक्ष रखा। छह मई 2025 को सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से सरगना के खिलाफ रेट नोटिस प्रकाशित करवाया। उसे पकड़ने के लिए यूएई के अधिकारियों के साथ संपर्क किया गया और अनुमति मिलने पर पिथौरागढ़ कोतवाली के कोतवाल ललित मोहन जोशी के नेतृत्व में टीम दुबई पहुंची। आरोपी अपने ठिकाने पर मिला जिसे गिरफ्तार कर टीम पिथौरागढ़ वापस लौटी है।

एसपी रेखा यादव ने कहा कि करोड़ों की ठगी के मामले में मुख्य सरगना को पकड़ना पिथौरागढ़ पुलिस के लिए गौरव की बात है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

पत्नी, भाई और पिता भी थे गिरोह में शामिलकोतवाल ललित मोहन जोशी ने बताया कि करोड़ों की इस चर्चित ठगी में मुख्य सरगना जगदीश पुनेठा ने पत्नी तनुजा, भाई ललित और पिता चंद्रप्रकाश को इसमें शामिल किया। सभी ने मिलकर इस ठगी को अंजाम दिया। बताया कि सरगना की पत्नी, भाई और पिता मामले में जेल जा चुके हैं जो जमानत पर बाहर हैं। सभी के खिलाफ न्यायालय में ट्रायल चल रहा है।

झारखंड और यूपी तक फैले हैं ठगी के तार

कोतवाल ललित मोहन जोशी ने बताया कि इस ठगी के तार झारखंड और यूपी तक फैले हैं। ऐसा इसलिए कि मामले में झारखंड निवासी पंकज शर्मा और यूपी के बिजनौर निवासी माधुरी गहलोत को भी इस ठगी में शामिल किया गया। दोनों ही आरोपी जेल जाकर जमानत में बाहर हैं।

दुबई का बीजा होना था खत्म, नहीं मिलती अनुमति तो गिरफ्तार करना होता मुश्किल

कोतवाल ललित मोहन जोशी ने बताया कि सरगना जगदीश पुनेठा दुबई चला गया। तीन महीने बाद उसका बीजा खत्म होना था। ऐसे में यदि इंटरपोल से उसे गिरफ्तार करने की अनुमति नहीं मिलती तो उसका पुलिस की गिरफ्त में आना मुश्किल होता। बताया कि किसी अंतरराष्ट्रीय अपराधी को गिरफ्तार करने की अनुमति मिलने में एक से दो साल का समय लगता है। इस मामले में सिर्फ तीन महीने के भीतर अनुमति मिलने से यह सफलता हासिल की गई है।

यह है इंटरपोल की भूमिका और रेड नोटिस

इंटरपोल की तरफ से प्रकाशित रेड नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों पर नजर रखने में मदद करता है। भारत में सीबीआई इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में काम करती है। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से तालमेल बैठाती है। इसे भारत में भारतपोल के नाम से पहचाना जाता है

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संपादक

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