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क्या पृथ्वी के अलावा है एक और दुनिया? Red Planet पर मिले अब तक के सबसे पुख्ता सबूत

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Sea on Mars: क्या इंसान पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह में भी रह सकते हैं? क्या कोई और दुनिया भी है? ऐसे ही तमाम तरह के सवाल लोगों के मन में हमेशा से उठते रहे हैं। पृथ्वी के अलावा किसी और ग्रह में अगर थोड़े बहुत जीवन के साइन मिले हैं, तो वो है मंगल ग्रह। लाल ग्रह यानी रेड प्लेनेट कहे जाने वाले मंगल ग्रह में समय-समय पर जीवन होने के संकेत मिलते रहते हैं। ग्रह के लेकर वैज्ञानिक काफी रिसर्च कर रहे हैं और समय-समय पर नए दावों के साथ सामने आते हैं। हाल ही में एक बार फिर मंगल ग्रह पर जीवन होने के संकेत मिले हैं। माना जा रहा है कि हो सकता है शायद मंगल ग्रह में लाखों साल पहले कोई जीवन रहा हो।

नए दावे के साथ लौटे शोधकर्ता

हाल ही में वैज्ञानिक मंगल ग्रह को लेकर नए दावे के साथ लौटे हैं। उनका कहना है कि कई मानचित्र इस तरफ इशारा करते हैं कि मंगल ग्रह पर एक वक्त पर यानी लाखों साल पहले महासागर रहा होगा। अब महासागर रहा होगा, तो यहां पर गर्म और आर्द्र जलवायु भी रही होगी।

अभी तक का सबसे पुख्ता सबूत

रिसर्चर्स का कहना है कि ये नक्शे का अभी तक का सबसे मजबूत सबूत है। इससे ये समझने में मदद मिलती है कि यहां पर कभी समुद्र रहा होगा, जो गर्म और आर्द्र जलवायु के होने के भी सूबत हैं।

‘यहां जीवन रहा होगा’

ब्रिटिश अखबार ‘द मिरर’ के साथ बातचीत में अमेरिका के पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के लेखक बेंजामिन कार्डेनस कहते हैं कि यहां के बारे में रिसर्च करते हुए एक बात जो समझ में आती है, वो ये है कि इस महासागर के एक वक्त पर यहां होने से इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि यहां जीवन तो जरूर रहा होगा। एक समय रहा होगा जब ये गर्म रहा होगा।

‘पर्याप्त मात्रा में रहा होगा पानी’

इसके बारे में रिसर्च करके यहां पुराने क्लाइमेट और इसके विकास के बारे में भी पता चलता है। इन निष्कर्षों के आधार पर हम जानते हैं कि एक समय में यहां पर्याप्त मात्रा में पानी और गर्मी दोनों ही रहे होंगे।

वैज्ञानिकों ने की लंबी बहस

वैज्ञानिकों ने इस मुद्दे पर काफी लंबी बहस की है कि क्या कभी मंगल समुद्र का घर हुआ करता था? डाटा का उपयोग करते हुए और क्षेत्र की विशेषताओं को देखते हुए टीम को 3.5 बिलियन साल पुरानी तटरेखा कई हजार फीट मोटी होने के साफ सबूत मिले, जो हजारों वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी।

क्या बोले रिसर्चर्स?

मिस्टर कार्डेनस बताते हैं कि पृथ्वी पर हम समय के साथ जमा होने वाली तलछट को देखते हुए जलमार्ग (वॉटरवेज) के इतिहास का एक चार्ट तैयार करते हैं। हम उस स्ट्रैटिग्राफी को देखते हुए और तलछट के ढेर के तरीको को अच्छी तरह से समझकर पृथ्वी पर होने वाले बदलावों की जांच कर सकते हैं।

ऐसे की थी रिसर्च

रिसर्चर्स ने नासा के मार्स ऑर्बिटर लेजर अल्टीमीटर से डेटा को मैप करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा विकसित किए गए सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल में लाया। उन्होंने तकरीबन 6500 किलोमीटर से भी ज्यादा नदी की लकीरों की खोज की, जिनसे अवशेषों का पता चला।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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