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दुःखद : ड्रोन में उड़ रहा लोहे का डमी बम गढ़वाल राइफल के हवलदार के सिर पर गिरा, मौत
भोपाल में ट्रेनिंग के दौरान हादसे से सात गढ़वाल राइफल में हवलदार विजय सिंह गुसाईं की मौत हो गई। इसकी सूचना गांव पहुंचने पर परिजनों में कोहराम मच गया। वह अपने पीछे मां, पत्नी, दो बच्चों का परिवार छोड़ गए है। बुधवार को कोटेश्वर घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गजा तहसील के कंडारी गांव निवासी विजय सिंह गुसाईं (37) वर्ष 2009 में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह एमपी के भोपाल में तैनात थे। बीते दिन ट्रेनिंग के दौरान लोहे का डमी बम उनके सिर पर जा गिरा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
सेना अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके जीजा जितेंद्र सजवाण ने बताया कि विजय अपने पीछे मां कमली देवी, पत्नी पूजा, दो छोटे बच्चों को छोड़ गए है। वर्तमान में उनकी पत्नी और बच्चे देहरादून के गढ़ी कैंट में और मां गांव में रहती हैं। एक माह पूर्व विजय छुट्टी से डयूटी पर गए थे।जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (से:नि ) चंद्र बहादुर पुन ने बताया कि विजय सिंह 7 गढ़वाल राइफल हवलदार पद पर सेवारत थे। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली तक हवाई मार्ग से लाया गया। वहां से कंडारी गांव लाया गया। बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ उनको कोटेश्वर घाट पर अंतिम विदाई दी गई।
इधर सूखी सेवनिया पुलिस ने बताया कि 37 वर्षीय विजय सिंह मूलत: उत्तराखंड के रहने वाले थे। वे सेना में हवलदार के पद पर थे तथा उनकी पोस्टिंग बैरागढ़ स्थित सेना के कार्यालय में थी। गत दिवस वे प्रशिक्षण व रिहर्सल के लिए सूखी सेवनिया स्थित फायरिंग रेंज पहुंचे थे। इस रेंज में कल जवानों को ड्रोन के द्वारा बम फेंक कर हमला करने व हमले से बचने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस दौरान आसमान में उड़ रहे एक ड्रोन में रखा लोहे का डमी बम विजय के सिर पर गिर गया। इस वजह से उनके सिर में गंभीर चोट आई। उन्हें तुरंत ही सेना के अस्पताल ले जाया गया जहां पर उनकी मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तथा पंचनामा बनाकर कार्रवाई शुरू की। हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि इस दौरान विस्फोट भी हुआ था। पुलिस मामले के सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

