उत्तराखण्ड
सूचना देने से काटी कन्नी, 87 लाख का जुर्माना भी नहीं भरा, सूचना आयोग वसूली के लिए लोक प्राधिकारियों को भेज रहा पत्र
देहरादूनः पहले कोरोना संक्रमण और फिर सूचना आयुक्तों की सेवानिवृत्ति के क्रम के चलते अपीलों व शिकायतों की सुनवाई अधर में लटकी रही। हालांकि, अब सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त समेत तीन राज्य सूचना आयुक्त तैनात हैं।
वसूली को लेकर भी आयोग गंभीर
सूचना आयोग ने लंबित मामलों को तेज गति से निस्तारित करने का लक्ष्य रखा है। वहीं, सूचना देने में हीलाहवाली पर जिन लोक सूचना अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है, उनकी वसूली को लेकर भी आयोग गंभीर दिख रहा है। वर्तमान में 87 लाख रुपये का जुर्माना ऐसा है, जिसे भरने को लोक सूचना अधिकारी तैयार नहीं हैं।
1920 मामलों में 2.42 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना
बुधवार को पत्रकारों से वार्ता में मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने कहा कि सूचना आयोग ने अब तक 1920 मामलों में 2.42 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें से अभी तक 80.73 लाख रुपये की वसूली की जा सकी है। जुर्माना संबंधी 404 प्रकरण न्यायालय में है और इनसे संबंधित 74 लाख रुपये के जुर्माने पर कोर्ट के आदेश के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वहीं, 87.46 लाख रुपये का जुर्माना ऐसा है, जिसे अब तक लोक सूचनाधिकारियों ने जमा नहीं कराया है। इनकी वसूली के लिए आयोग के सचिव अरविंद पांडे को निर्देश दिए है कि वह संबंधित लोक प्राधिकारियों को पत्र भेजें। पत्रकार वार्ता में राज्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, विपिन चंद्रा व अर्जुन सिंह उपस्थित रहे।
लंबित मामलों को 1500 के करीब लाएंगे
मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने कहा कि कोरोना संक्रमण से पहले लंबित मामलों की संख्या करीब 1500 थी, जो कोरोना संक्रमण और फिर आयुक्तों की कमी के चलते 3000 पर कर गई थी। आयोग में आयुक्तों की संख्या पर्याप्त हो जाने के बाद लंबित प्रकरणों को 1500 के आसपास लाया जा रहा है। पिछले छह माह की बात करें तो 1598 मामले सुने गए और 1097 का निस्तारण भी कर लिया गया है। अच्छी बात यह है कि दाखिल होने वाले सूचना के अनुरोध पत्रों में 90 प्रतिशत का समाधान लोक सूचना अधिकारी स्तर पर ही कर लिया जा रहा है। सिर्फ 10 प्रतिशत में ही प्रथम अपील की स्थिति आ रही है और आयोग में करीब चार प्रतिशत प्रकरण पहुंच रहे हैं।
सूचना मांगने से संबंधित अहम तथ्य
- कुल मांगी जा रही सूचनाओं में करीब 30 प्रतिशत सूचना राजस्व विभाग व गृह विभाग से संबंधित हैं।
- अपील में 25 से 30 प्रतिशत प्रकरण राजस्व व विद्यालयी शिक्षा विभाग से संबंधित हैं।
- अब तक आयोग ने सूचना मांगने वालों को 15 लाख 58 हजार 531 रुपये की क्षतिपूर्ति देने के आदेश किए हैं और इनमें से अब तक चार लाख 93 हजार 645 रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाई जा चुकी है।

