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सिख व्यापारियों की ‘क्रूर हत्या’ पर भारत ने दर्ज कराया विरोध, कहा- हत्यारे को दंडित करे पाकिस्तान
भारत ने रविवार को पाकिस्तान से दो सिख कारोबारियों की जघन्य हत्या की जांच कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार ‘निशाना’ बनाए जाने पर पाकिस्तान के समक्ष अपना ‘कड़ा विरोध’ दर्ज कराया है। घटना के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान सरकार अपने यहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करेगी। बागची ने कहा, ‘हमने पेशावर में अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा दो सिख व्यापारियों की निर्मम हत्या की खबर देखी है। अफसोस की बात है कि यह पहला मामला नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हम संबंधित अधिकारियों से मामले की ईमानदारी से जांच करने और इस निंदनीय घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं।’ फिलहाल, किसी समूह ने हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 42 वर्षीय सलजीत सिंह और 38 वर्षीय रंजीत सिंह की सुबह दो बाइक सवारों द्वारा हमला किए जाने के बाद मौके पर ही मौत हो गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि हमलावर हत्या के बाद भाग निकले। दोनों सिख मसालों के कारोबार में थे और पेशावर से लगभग 17 किलोमीटर दूर सरबंद के बाटा ताल बाजार में उनकी दुकानें थीं।
एमईए ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान सरकार अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, सुरक्षा और भलाई की देखभाल करेगी। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने पेशावर में दो सिख दुकानदारों की हत्या की निंदा की और घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले की निंदा की और पुलिस को दोषियों की गिरफ्तारी के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
सदर के पुलिस अधीक्षक अकीक हुसैन ने कहा कि आतंकवाद-रोधी इकाई ने दो सिखों की हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘यह घटना आतंकी हमला प्रतीत होती है। सीसीटीवी फुटेज हासिल किया जाएगा और संदिग्धों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सिख पुरुषों की हत्या की निंदा करते हुए पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने मांग की कि पुलिस को अपराधियों की तुरंत पहचान करनी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। एचआरसीपी ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निशाना बनाकर हत्याओं, सैन्य अभियानों और उच्च स्तर की हिंसा की कई अन्य घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे जाते हैं। मारे गए लोगों में महिलाएं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्य, राजनेता, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी शामिल हैं। राज्य और समाज द्वारा अल्पसंख्यकों के प्रति असहिष्णुता को एचआरसीपी ने चिंता का विषय बताया है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हत्या की निंदा कीएएनआइ के अनुसार, भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान में दो सिख कारोबारियों की हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य से पड़ोसी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर मंडरा रहे खतरे का पता चलता है।
हकीम से लेकर सांसद तक की हो चुकी है हत्याअफगानिस्तान सीमा से सटे अशांत प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का यह नया मामला है। पिछले वर्ष सितंबर में जानेमाने सिख हकीम (यूनानी चिकित्सक) की पेशावर में उनकी क्लीनिक के भीतर बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वर्ष 2018 में सिख समुदाय के लोकप्रिय सदस्य चरणजीत सिंह की पेशावर में हत्या कर दी गई थी। इसी तरह न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की इसी शहर में वर्ष 2020 में हत्या की गई। इससे पहले वर्ष 2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेशनल असेंबली सदस्य की भी पेशावर में हत्या हुई थी।
अल्पसंख्यकों में हिंदुओं की आबादी सबसे ज्यादावर्ष 2017 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों में सर्वाधिक संख्या हिंदुओं की है। इसके बाद दूसरे नंबर पर ईसाई समुदाय आता है। अहमदिया, सिख और पारसी भी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय में आते हैं।

