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उत्तराखंड उच्च शिक्षा में छात्रों के सतत् कल्याण पर केन्द्रित पुस्तक “उच्च शिक्षा में छात्र कल्याण: एक साझा उत्तरदायित्व” का भव्य विमोचन समारोह सम्पन्न
देहरादून। आज गढ़ी कैंट स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, देहरादून में एक गरिमामयी समारोह में पुस्तक “उच्च शिक्षा में छात्र कल्याण: एक साझा उत्तरदायित्व” का भव्य विमोचन सम्पन्न हुआ। पुस्तक का लोकार्पण उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के करकमलों द्वारा किया गया। पुस्तक के विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में श्री धामी ने इस अवसर पर उपस्थित आमंत्रित अतिथियों और पुस्तक लेखकों को अपने संबोधन में कहा कि यह पुस्तक प्रदेश और राष्ट्र के छात्रों में मानसिक, सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक, तथा तनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी l मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक प्रदेश में छात्र हित में चलाए जा रहे मानसिक स्वास्थ्य, जागरूकता, योग और वेलनेस कार्यक्रमों के धरातलीय क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी एवं इससे बेहतर इको सिस्टम तैयार हो सकेगा। उन्होंने प्रदेश के शिक्षकों और छात्रों सहित सभी संबंधितों से पुस्तक पढ़ने और इसके सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को जीवन में अपनाने का आव्हान किया ताकि समग्रता और सकारात्मकता द्वारा अधिक विचारशील, चरित्र निर्माण व चेतना युक्त तथा आत्मिक बल वाले समाज की अवधारणा प्रदेश में मूर्त रूप ले सके।

इस महत्त्वपूर्ण पुस्तक के लेखक प्रो. कमल किशोर पांडे, निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखंड; प्रो. लता पांडे, विभागाध्यक्षा, गृह विज्ञान विभाग, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल तथा डॉ. रामानंद हैं। उन्होंने संयुक्त रूप से यह प्रयास किया है ताकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक पक्षों पर समग्र दृष्टिकोण से कार्य किया जा सके।अपने संबोधन में प्रो. कमल के. पांडे ने बताया कि यह पुस्तक शिक्षकों, नीति निर्माताओं और अभिभावकों को यह समझने में मदद करेगी कि छात्रों के कल्याण के लिए समन्वित और सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।

प्रो. लता पांडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि छात्रों, विशेषकर छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षित वातावरण जैसे विषयों पर यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।डॉ. रामानंद, जो कि नीति अनुसंधान और शासन केंद्र (सीपीआरजी) के निदेशक एवं एक नीति विशेषज्ञ हैं, जो शिक्षा, जनजातीय कल्याण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विकास पर परामर्श देते हैं, ने पुस्तक विमोचन समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना को साकार करने की दिशा में एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका है, जो शिक्षा संस्थानों को छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने हेतु प्रेरित करेगी।समारोह में वक्ताओं ने यह भी कहा कि यह पुस्तक केवल शिक्षकों और विद्यार्थियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों, शासन तंत्र, नीति निर्धारण निकायों एवं पूरे शैक्षिक समाज के लिए अत्यंत उपयोगी है।पुस्तक विमोचन समारोह का संचालन उपनिदेशक उच्च शिक्षा डॉ ममता नैथानी ड्यूडी ने किया।
इस पुस्तक का प्रकाशन आदर्श पब्लिशर एंड डिस्ट्रीब्यूटर, दिल्ली एनसीआर द्वारा किया गया है। इसका मूल्य ₹599.00 है तथा इसे आईएसबीएन संख्या: 978-81-964401-3-8 प्रदान की गई है।यह पुस्तक उच्च शिक्षा से जुड़े सभी हितधारकों, जैसे शिक्षक, गैर-शैक्षणिक कर्मचारी, प्राचार्य या कुलपति, शोध निदेशक, पूर्व छात्र, नीति निर्माता तथा जन प्रतिनिधियों के लिए एक मार्गदर्शिका होगी। यह उन्हें यह समझने में सहायक होगी कि छात्रों के समग्र कल्याण में उनकी क्या भूमिकाएँ हो सकती हैं, ताकि छात्र न केवल शैक्षणिक रूप से प्रगति करें, बल्कि मानसिक, शारीरिक तथा सामाजिक रूप से भी स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकें।
समारोह के अंत में सभी उपस्थित अतिथियों ने पुस्तक के तीनों लेखकों को इस बहुपरिणामी एवं उपयोगी प्रयास के लिए हार्दिक बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक छात्रों के समग्र विकास के लिए एक प्रेरणास्रोत सिद्ध होगी।कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों, प्रशासकों, शोधकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।इस कार्यक्रम में प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ देवेंद्र भसीन, डॉ जयपाल, श्री आदित्य कोठारी, श्री व्योमकेश दुबे, प्रो. ए. एस. उनियाल, श्री प्रमोद दोबलियाल, प्रो. एम. एस. एम. रावत, प्रो. के. डी. पुरोहित, प्रो गौरव वार्ष्णेय, एवं प्रो प्रशान्त सिंह सहित अनेक गणमान्य शख्सियत मौजूद थे।

