क्राइम
क्रशर में चलते हैं डंपर, छात्र राजनीति से हुआ चर्चित हाकम का एजेंट अंकित रमोला
देहरादून। पेपर लीक मामले में उत्तरकाशी के नौगांव क्षेत्र निवासी आरोपी अंकित रमोला जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत का बेहद करीबी है। वह क्षेत्र में खुले आम पटवारी और सहायक बनाने का दावा करता था। उसने अपनी पत्नी को परीक्षा में शामिल कराया था। अंकित की पत्नी ने भी हल किया हुआ पेपर लेकर परीक्षा दी, लेकिन वह पास नहीं हो पाई। हाकम सिंह ने अंकित रमोला को दूसरी ड्यूटी में भी लगाया था। उसे देहरादून सेंटर की जिम्मेदारी दी गई थी।
एसटीएफ ने अंकित रमोला को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया। अंकित रमोला ने भी इस तरह के कार्यों से खूब पैसा कमाया है। कुछ साल पहले उसने अपने डंपर खरीदे थे। ये डंपर एक स्टोन क्रशर में चलते हैं। स्टोन क्रशर एक जनप्रतिनिधि के भाई का बताया जा रहा है। एसटीएफ उसके बारे में कई और जानकारी जुटा रही है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है। एसटीएफ की गिरफ्त में आया नौगांव निवासी अंकित रमोला हाकम सिंह का करीबी बताया जा रहा है। उसके बारे में कहा जा रहा है कि वह हाकम के एजेंट के रूप में काम करता था और उसके बल पर क्षेत्र में खुलेआम पटवारी (राजस्व उप निरीक्षक), कनिष्क सहायक बनाने का दावा करता था।
पिछले साल हुई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने अंकित रमोला को गिरफ्तार किया। इससे पहले एसटीएफ जीआईसी नैटवाड़ में तैनात व्यायाम शिक्षक तनुज शर्मा और जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है।
अंकित रमोला ने बड़कोट डिग्री कॉलेज में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उसे जीत तो नहीं मिली लेकिन इसके बाद वह नेताओं के संपर्क में आया। इसके बाद उसने क्रशर उद्योग में डंपर लगाकर पैसे भी बनाए। कहा जा रहा है कि करीब चार साल पहले जब उसकी शादी मोरी क्षेत्र से हुई तो वह हाकम सिंह के संपर्क में आया। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हाकम सिंह ने विधानसभा चुनाव 2022 में रवाईंघाटी में डेरा डाला हुआ था। उसने क्षेत्र के युवाओं को सरकारी नौकरी का लालच देकर गांव में एक पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान के लिए बुलाया था। वहीं पूर्व की भर्तियों में उसके द्वारा नौकरी लगाए गए युवाओं को भी बुलाया गया। जिससे युवाओं के परिजनों को विश्वास दिलाया जा सके कि हाकम के जरिये उनके बेटे की सरकारी नौकरी लग सकती है।

