अंतरराष्ट्रीय
आने वाले दिनों में ताइवान पर और आक्रामक हो सकता है चीन, आ सकती है युद्ध की नौबत! जानें- एक्सपर्ट व्यू
रूस और यूक्रेन के बीच उभरे तनाव के बीच लगातार बीजिंग में चल रहे विंटर ओलंपिक गेम्स 2022 का भी शोर गाहे-बगाहे सुनाई दे रहा है। अमेरिका के बाद अब यूक्रेन ने भी यह कहकर सनसनी फैला दी है कि रूस इन गेम्स के बीच 16 फरवरी को उस पर हमला कर सकता है। बीजिंग में चल रहे ये गेम्स 4 फरवरी 2022 को शुरू हुए थे और ये 20 फरवरी 2022 तक चलेंगे। इसके आगाज का हिस्सा बनने खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी बीजिंग गए थे और वहां पर उनकी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कई मुद्दों पर बात हुई थी। इस दौरान दोनों के बीच अहम समझौते भी हुए थे। पश्चिमी देशों और अमेरिका ने इस नए गठबंधन को अपने खिलाफ एकजुट होने के रूप में देखा था। जानकारों ने भी इस गठबंधन को लेकर अपनी राय जाहिर की थी।
जानकारों की तरफ से यहां तक कहा गया था कि रूस-यूक्रेन तनाव के बीच चीन-रूस के बीच बनते नए समीकरणों में भविष्य में शी चिनफिंंग को ही अधिक फायदा होगा। जानकारों की राय में रूस और यूक्रेन के बीच उभरे तनाव पर चीन की पूरी नजर है। वो ये सुनिश्चित करना चाहता है कि युद्ध छिड़ने पर विश्व का रूख इसके प्रति क्या रहता है और वो क्या प्रतिक्रिया देता है। इसके बाद वो ताइवान की तरफ अपना रुख कर सकता है और बड़े कदम भी उठा सकता है।
जानकारों का मानना है कि रूस-यूक्रेन तनाव के बीच अमेरिका का ध्यान भी अब ताइवान-चीन विवाद की तरफ नहीं है। वहीं दूसरी तरफ चीन भी विंटर ओलंपिक गेम्स के बीच किसी तरह का कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता है जिससे उसके यहां पर चल रहे विंटर ओलंपिक गेम्स सुर्खियों से हट जाए। लेकिन इन गेम्स के खत्म होने के बाद चीन कुछ बड़ा कदम उठा सकता है। लेकिन सवाल ये है कि ऐसे में भारत की भूमिका क्या होगी।
जवाहरलाल नेहरू के प्रोफेसर और विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर पुष्पेश पंत का कहना है कि यदि गेम्स के बाद चीन ने ताइवान पर हमला कर भी दिया तो भारत इस मामले में कुछ नहीं करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत सार्वजनिक तौर पर चीन की वन चाइना पालिसी को मानता आया है। इसलिए तिब्बत हो या ताइवान भारत का रुख इस पर बेहद साफ रहेगा। वे भी मानते हैं कि रूस और यूक्रेन तनाव का फायदा वास्तव में चीन को ही होगा। प्रोफेसर पंत के मुताबिक चीन और रूस की नजदीकी इस बात का सीधा संकेत दे रही है। साभार न्यू मीडिया।