हल्द्वानी
हल्द्वानी में बुलडोज़र चला तो जंगलात की जगह होगी अस्थायी ठिकाना, मास्टर प्लान तैयार
हल्द्वानी। रेलवे बनाम जनता की ज़मीन मामले में अगर सच में नौबत बुलडोज़र चलने की आ गई तो हज़ारो लोग बेघर हो जाएंगे। ऐसे हालातों को लेकर सबसे बड़ा सवाल जो खड़ा हो रहा है वो ये है कि आखिर हज़ारों की आबादी का अगर घर मकान चला जायेगा तो ये लोग आखिर कहां जायँगे। इनका ठिकाना कहां होगा। शासन प्रशासन की ओर से इस सबसे अहम मुद्दे पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है। सिवाए इसके कि प्रशासन बुलडोज़र चलने की पूर्व की तैयारियों का अपनी ओर से पूरा मसौदा तैयार कर चुका है। जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान शुरू होते ही वन विभाग भी अलर्ट मोड में आ जाएगा। पश्चिमी वन वृत्त की पांच डिवीजनों के वनकर्मी हल्द्वानी में पहुंचेंगे। पुलिस-प्रशासन की मदद से जहां रेलवे अपनी जमीन से कब्जे हटाएगा। वन विभाग का फोकस जंगल की निगरानी पर रहेगा। महकमे के अधिकारी मानते हैं कि उस स्थिति में अतिक्रमणकारी नजदीक स्थित जंगल को अस्थायी ठिकाना बना सकते हैं। ऐसे में पहले ही मुस्तैदी दिखाई जाएगी।
प्रशासन की मदद से विभाग अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चलाने जा रहा है। इसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है। बाहर से बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स भी हल्द्वानी में नजर आएगी। इनके रहने और खाने की व्यवस्था प्रशासन स्तर से होगी। खर्चा रेलवे उठाएगा। वहीं, अतिक्रमण भूमि के पास मेें तराई पूर्वी डिवीजन की गौला रेंज का जंगल पड़ता है। एसडीओ तराई पूर्वी धु्रव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि सर्किल स्तर पर वार्ता हो चुकी है। अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पांच डिवीजनों से वनकर्मी जंगल की निगरानी और सुरक्षा में जुटेंगे।

