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बीपीएससी पेपर लीक मामले में ईओयू को मिले अहम सुराग, कई ठिकानों पर छापेमारी
पटना। BPSC 67th Prelims. Paper Leak: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम वाट्सएप की कड़ी जोड़ते हुए आगे बढ़ रही है। पूछताछ में जांच टीम को तीन युवकों के बारे में जानकारी मिली है, जिन्होंने अफसरों तक वायरल प्रश्न-पत्र भेजने वाले लोगों को यह फारवर्ड किया था। तीनों पटना के ही रहने वाले हैं, जिनकी तलाश शुरू कर दी गई है। कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ जारी है। बीपीएससी के कर्मी व अफसरों से भी लगातार पूछताछ कर जानकारी ली जा रही है।
कई ठिकानों पर हो चुकी छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को जांच टीम ने तीनों संदिग्ध युवकों की तलाश में पटना में आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। देर रात तक उनकी तलाश में विभिन्न थाना क्षेत्रों में छापेमारी जारी थी। जांच टीम को शक है कि यह युवक प्रश्न-पत्र लीक कराने वाले संगठित गिरोह से जुड़े हैं। देखना यह है कि ईओयू की जांच इस पूरे प्रकरण के असली सूत्रधार तक पहुंच पाती है, या वाट्सएप पर इसे साझा करने वालों तक ही बात खत्म हो जाएगी।
अंतिम समय में वायरल कराया लीक प्रश्न-पत्र!
बीपीएससी परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच में एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर अंतिम समय में लीक प्रश्न-पत्र वायरल कराकर बीपीएससी के अधिकारियों तक पहुंचाया, ताकि परीक्षा रद कराई जा सके। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि लीक प्रश्न-पत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही कुछ खास लोगों तक पहुंच गया था। यह खास लोग इसकी सौदेबाजी कर चुके थे। छात्रों से मोटी राशि वसूली जा चुकी थी। इस बीच ऐसे ही दूसरे संगठित गिरोह को इसकी भनक लग गई। उन तक प्रश्न-पत्र पहुंचा भी मगर तब तक देर हो चुकी थी। ऐसे में उन्होंने लीक प्रश्न-पत्र को वायरल कर दिया। ईओयू की टीम इस एंगल से भी जांच को आगे बढ़ा रही है।

