उत्तराखण्ड
“दीपांशु मर गया, मामले में फंसाया तो वह पूरे परिवार को ही खत्म कर देगा”…मृतक के साथी ने धमकाया था दीपांशु के पिता को वीडियो कॉल कर, मुकदमा दर्ज
हल्द्वानी। गत दिवस हल्द्वानी बाईपास रोड के जंगल में मृत हालत में मिले ग्राफिक एरा में बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे हल्दुचौड़ के दौलिया निवासी दीपांशु पांडे के पिता गोपाल दत्त पांडे ने हल्द्वानी कोतवाली में दी तहरीर में पुत्र की हत्या, मानसिक प्रताड़ना एवं पूरे परिवार को जान से मारने की धमकियों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई को लेकर तहरीर दी है। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
तहरीर में मृतक छात्र के पिता गोपाल दत्त पांडे, पुत्र स्व. नंदबल्लभ पांडे, निवासी दौलिया डी क्लास, हल्दूचौड़ का कहना है कि मेरे पुत्र दीपांशु पांडे और उसके मित्र सुमित यादव के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। सुमित यादव लगातार मेरे पुत्र को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था और उसे परेशान करता था जिसमें कई बार हमारे द्वारा समझाया भी गया परंतु फिर भी उक्त व्यक्ति द्वारा मेरे पुत्र को फोन कॉल कर मैसेज कर व व्यक्तिगत रूप में मिलकर परेशान करना जारी रखा।7 दिसंबर 2024 को प्रातः 8:30 बजे मेरा पुत्र अपने कॉलेज ग्राफिक एरा के लिए घर से निकला। दोपहर को दीपांशु का काल आया जिसमें उसने घर के सदस्यों से बात करते हुए बताया कि वह कॉलेज से घर आ रहा है। इसके थोड़ी देर बाद ही सुमित यादव ने कॉल कर बताया कि दीपांशु मर गया है और धमकी दी कि यदि उसे इस मामले में फंसाया गया, तो वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा, परन्तु थोड़ी देर बाद, पुनः जब सुमित यादव को जब घर वालों ने वीडियो कॉल किया तो वीडियो कॉल पर भी उसने धमकी देते हुए कहा कि “तुम्हारा बेटा मर गया है और अगर मैं फंसा तो बाहर आकर तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।
घटना की जानकारी मिलते ही हमारे द्वारा पुलिस को भी इस बाबत सूचना दी गई। पूर्व की घटनाओं से हमे विश्वास है कि सुमित यादव के साथ इस घटना में अन्य तीन-चार लोग भी शामिल हो सकते हैं। अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले में हत्या, मानसिक शोषण और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने के तहत प्राथमिकी दर्ज कर तत्काल जांच की जाए। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं, क्योंकि सुमित यादव द्वारा मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है।
रविवार की प्रातः बहुउद्देशीय भवन में पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों के सिस्ट मंडल ने पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी से भेंट करते हुए उन्हें यथा स्थिति से अवगत कराया, तथा कुछ पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों से अभद्रता करने का आरोप भी लगाया, जिस पर पुलिस क्षेत्राधिकारी ने जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए मामले में तत्काल मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच करने का आश्वासन दिया इसके बाद ग्रामीण शा
दौलिया क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट और सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी के नेतृत्व में एसएसपी कार्यालय का घेराव किया। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की अपील की। उनका कहना है कि अगर पुलिस ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो वे बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मृतक के पिता गोपाल दत्त पांडे ने पुलिस को दी गई तहरीर में दीपांशु के साथी सुमित यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि सुमित लंबे समय से दीपांशु को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। घटना के दिन दीपांशु ने घर लौटने की सूचना दी थी, लेकिन कुछ देर बाद सुमित यादव ने फोन कर बताया कि दीपांशु ने आत्महत्या कर ली है। सुमित ने धमकी दी कि अगर उसे इस मामले में फंसाया गया, तो वह पूरे परिवार को नही छोड़ेगा। परिवार का आरोप है कि सुमित ने वीडियो कॉल के जरिए दीपांशु का शव दिखाते हुए उन्हें डराया ओर धमकाया। ग्रामीणों और परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना में सुमित यादव के साथ अन्य तीन-चार लोग भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने मांग की कि पुलिस सभी संदिग्धों को गिरफ्तार कर सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य जुटाए।
ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि एसएसआई रोहताश सागर ने घटना पर मौजूद जनप्रतिनिधियो व परिवार जनों से नेतागिरी करने का आरोप लगाया जो कतई बर्दाश्त नही है साथ ही घटनास्थल पर पुलिस का घटना स्थल पर देर से पहुचने व लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सबूत जुटाने के लिए केवल मोबाइल की टॉर्च का इस्तेमाल किया गया, जो पूरी तरह से गैर-पेशेवर था। एसएसपी मीणा से फोन पर परिजनों ने बात की तो उन्होंने बाहर होने की बात कही जनके बाहर होने की वजह से सीओ नितिन लोहनी ने ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी। सीओ ने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ किया जा रहा है, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे।
पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट ने कहा, “हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे।” सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने पुलिस प्रशासन से चेतावनी दी है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जाच के बाद जल्द से जल्द फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा, “यदि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो क्षेत्र के लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। यह केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की न्याय की लड़ाई है।”