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IELTS Exam 2023 आइलेट्स परीक्षा की ओएमआर शीट में छेड़छाड़ का खेल आधी रात को दून-दिल्ली राजमार्ग पर मोहंड के जंगल में खेला गया। एसटीएफ के मुताबिक गिरोह ने दर्जनों अभ्यर्थियों से तीन-तीन लाख रुपये लेकर उन्हें आइलेट्स की परीक्षा में इसी तरह पास कराया।

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IELTS Exam 2023: आधी रात को मोहंड के जंगल में हुआ OMR शीट में ‘खेल’, सील सूटकेस के नट-बोल्ट खोलकर की छेड़छाड़

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देहरादून: IELTS Exam 2023: आइलेट्स परीक्षा की ओएमआर शीट में छेड़छाड़ का ‘खेल’ आधी रात को दून-दिल्ली राजमार्ग पर मोहंड के जंगल में खेला गया।

एसटीएफ की गिरफ्त में आया नकल गिरोह का सरगना समिंदर और उसका साला साहिल खुद 15 अभ्यर्थियों को साथ लेकर जंगल में पहुंचे और वहीं कुरियर कंपनी के ट्रक में सील सूटकेस के नट-बोल्ट खोलकर ओएमआर शीट में बदलाव किया।

यह गिरोह वर्ष 2021 से इस प्रकार की धांधली कर रहा था और अब तक देश के विभिन्न राज्यों में करीब छह वारदात कर चुका है। एसटीएफ के मुताबिक गिरोह ने दर्जनों अभ्यर्थियों से तीन-तीन लाख रुपये लेकर उन्हें आइलेट्स की परीक्षा में इसी तरह पास कराया।

गिरोह के सदस्य साहिल ने एसटीएफ को बताया कि गिरोह का सरगना समिंदर मंडी निवासी फिरोजपुर रोड लुधियाना (पंजाब) उसका जीजा है। पूरी साजिश समिंदर ही रचता है और पैसे का लेन-देन भी उसी के माध्यम से किया जाता है।

समिंदर की ही ट्रक चालक जितेंद्र और ब्ल्यू डार्ट के आपरेशन मैनेजर शब्बीर खान से ट्रक का लाक खोलकर ओएमआर शीट में बदलाव की डील हुई थी। जब 25 फवरी को देहरादून से गुरुग्राम के लिए निकला ट्रक मोहंड के जंगल में रुकवाया गया तो आइलेट्स परीक्षा की ओएमआर शीट कहां रखी हैं, इसकी जानकारी कुरियर कंपनी के आपरेशन मैनेजर शब्बीर ने वाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराई थी।

यहां जब समिंदर और साहिल अभ्यर्थियों को साथ लेकर पहुंचे तो उन्होंने गाड़ी का लाक खोलकर उसमें से ओएमआर शीट का सूटकेस निकाल लिया। लाक को नट-बोल्ट निकाल कर खोला गया और ओएमआर शीट अभ्यर्थियों को देकर उत्तर में बदलाव कराए गए।

इसके बाद सभी ओएमआर शीट को वापस उसी क्रम में रखकर सूटकेस को दोबारा सील कर दिया गया। इस काम के लिए ब्ल्यू डार्ट कंपनी के आपरेशन मैनेजर शब्बीर खान को 50 हजार रुपये और वाहन चालक जितेंद्र को तीन लाख रुपये मिले थे।

पेंसिल से ओएमआर शीट भरवाते थे आरोपित

आइलेट्स परीक्षा में ओएमआर शीट के गोले भरने के लिए पेंसिल और पेन दोनों का प्रयोग किया जाता है। अभ्यर्थियों को गिरोह का सरगना पेंसिल से उत्तर भरने को कहता था। बाद में ट्रक से ओएमआर शीट निकाल पेंसिल से भरे गलत उत्तर रबर से मिटाकर सही उत्तर भर दिए जाते।

कोचिंग सेंटर संचालक उपलब्ध कराते थे अभ्यर्थी

एसटीएफ ने 15 अभ्यर्थियों की पड़ताल की तो वे सभी परीक्षा के दौरान चार अलग-अलग कोचिंग सेंटर संचालकों के संपर्क में थे, जो आइलेट्स की कोचिंग कराते हैं।

गिरोह के सदस्य साहिल ने बताया कि सरगना समिंदर के कई कोचिंग सेंटर संचालकों से संपर्क हैं और वहीं से ऐसे अभ्यर्थी मिलते हैं, जो पास होने के लिए मोटी धनराशि देने को तैयार रहते हैं।

कोचिंग सेंटर संचालक ही अभ्यर्थियों से दो से तीन लाख रुपये लेते थे और फिर इसमें उनका भी हिस्सा तय होता। एसटीएफ ऐसे कोचिंग सेंटरों की जांच में जुट गई है। साथ ही संदिग्ध 15 अभ्यर्थियों की भी जांच की जा रही है।

विदेश में नौकरी या उच्च शिक्षा में काम आती है आइलेट्स परीक्षा

देश में आइडीपी संस्था की ओर से आइलेट्स की परीक्षा कराई जाती है। यह एक इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट है, जिसकी आवश्यकता विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए जाने वालों को वर्क वीजा व संबंधित देशों में बसने के लिए होती है। यह परीक्षा हर महीने चार बार और साल में 48 बार अलग-अलग तिथि पर देशभर में होती है।

परीक्षा पास करने पर एक सर्टिफिकेट दिया जाता है, जो दो वर्ष के लिए वैध होता है। आइडीपी कंपनी की ओर से देहरादून परीक्षा केंद्र की जिम्मेदारी प्लेनेट कंपनी को दी गई थी व ओएमआर शीट को आइडीपी के गुरुग्राम कार्यालय तक सुरक्षित पहुंचाने का अनुबंध ब्ल्यू डार्ट कुरियर कंपनी के साथ किया गया था।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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