उत्तराखण्ड
नदी का रुख बदल सकता हूं मैं…एक किमी काम से कई मील आगे डॉ. मोहन बिष्ट, 2019 के एक बार फिर खूब चर्चा में विधायक जी
नेता की पहचान अपने कद से नहीं बल्कि उस कद से होती है जिसे जनता बनाती है। लालकुआं विधायक डॉ मोहन बिष्ट का कद भी जनता का ही बनाया हुआ है जिन्होंने जनता के बीच में ही अपनी लोकप्रियता के चलते दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 16000 के बड़े अंतर से विधानसभा चुनाव में पराजित कर दिया था। उसे वक्त डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बन गए थे। यह वही मोहन सिंह बिष्ट थे जिन्हें 2019 के जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य टिकट देने से इनकार कर दिया था। मगर मोहन यहां मानने वाले नहीं थे। उन्होंने तय किया कि वह निर्दलीय चुनाव लड़कर ही जनता के बीच जाकर जनता जनार्दन का नेता बनकर दिखाएंगे। निर्दलीय ही चुनाव लड़कर उन्होंने जिला पंचायत के चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड बना दिया। यहां से भारतीय जनता पार्टी की नजर उन पर गई और 2022 के विधानसभा चुनाव में मोहन सिंह बिष्ट लाल कुआं से भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े।
पिछले दो-तीन दिनों में लाल कुआं के विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट का चर्चाओं में रहने के बाद उनके बारे में जानना यहां लाजमी है। चर्चाओं में डॉक्टर मोहन बिष्ट इसलिए हैं कि उन्होंने गोला नदी का रुख मोड़ने के लिए अपने ही दम पर शनिवार को दो पोकलेन मशीनें नदी में उतार दीं। दरअसल यह क्रिया शुक्रवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में जिलाधिकारी के साथ हुई बहस के बाद की प्रतिक्रिया थी। नदियों के चैनेलाइजेशन का काम करवाने के लिए शासन से 10 करोड़ का बजट स्वीकृत होने के बावजूद भी काम शुरू नहीं हो पा रहा था। इसी बात को लेकर शुक्रवार की बैठक में बात शुरू हुई। मगर किसी को नहीं मालूम था कि यह बात जो यहां छोटे स्तर पर शुरू हुई है दरअसल उसे बहुत दूर तक जाना है। सांसद अजय भट्ट और जिलाधिकारी की मौजूदगी में दोनों विभागों वन और सिंचाई के बीच बातचीत के बाद भी जब यह तय नहीं हुआ कि काम कब से शुरू होगा तो डॉक्टर मोहन बिष्ट ने ऐलान कर दिया कि वह अपने दम पर ही काम शुरू करवाएंगे।
फिर शनिवार का दिन आया। पोकलेन की दो मशीन स्टार्ट होने के बाद धड़धड़ाते हुए नदी की तरफ चल पड़ी। मशीनों की बुलंद आवाज शायद जिला प्रशासन को इस बात का संकेत था कि उसके भरोसे अब हम नहीं रहने वाले हैं। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस बात की गंभीरता को समझ रहे थे की नदियों का चैनेलाइजेशन का काम इस बीच बहुत जरूरी है। इसीलिए मुख्यमंत्री ने इस मद के लिए पैसा तत्काल आवंटित करवा दिया था। मगर विधायक की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि पैसा आवंटित होने के बावजूद चैनेलाइजेशन का काम शुरू नहीं हो पा रहा है जिससे प्रभावित क्षेत्रों में और नुकसान की आशंका बनी हुई है। लिहाजा पोकलेन मशीनों ने अपना काम करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे कर शनिवार के दिन सुबह से शाम तक करीब 1 किलोमीटर के दायरे में चैनेलाइजेशन का काम किया गया। इधर नदी में मशीन गरज रही थी तो दूसरी तरफ डॉक्टर मोहन बिष्ट के इस काम के चर्चे धीरे-धीरे अपनी आवाज बिखरने लगे और शाम होते होते यह मुद्दा पूरे प्रदेश के लिए चर्चा का विषय बन गया।
जानें डॉ. बिष्ट के बारे में
2019 में हुए जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने हल्दूचौड़ से वरिष्ठ भाजपा नेता इंदर बिष्ट को जिला पंचायत सदस्य का टिकट दिया था। जिसके बाद इंदर बिष्ट के भाई व भाजपा से टिकट की दौड़ में शामिल डॉ मोहन बिष्ट ने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा। जिसमें उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की। जिसके बाद राज्य में विधान सभा चुनावों से पूर्व भाजपा ने डॉ. मोहन बिष्ट को भाजपा में शामिल कर लिया। भाजपा ने डॉ. मोहन बिष्ट को लालकुआं विधानसभा से टिकट दिया। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को करीब 16 हजार मतों से हरा दिया।
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