उत्तराखण्ड
हैरतअंगेज खुलासा: 16 फरवरी को ही बन गई भाजपा सरकार, 16 को लीक हो गई थी सटीक खुफिया रिपोर्ट
हल्द्वानी। तो मतदान के दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को ही राज्य में भाजपा की सरकार बन गई थी। ऐसा खुफिया विभाग की सटीक रिपोर्ट में हुआ जो रिपोर्ट उसी दिन लीक हो गई थी। खुफिया विभाग की रिपोर्ट में अधिकांश सीटों पर आंकलन भी सटीक साबित हुआ। राज्य की 70 विधानसभा सीटों के लिए बीती 14 फरवरी को मतदान हुआ और 10 मार्च को आधिकारिक नतीजे घोषित की गई। इस घोषणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, लेकिन मतदान से पहले ही यह साफ हो चुका था कि राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आ रही है। इसका खुलासा तब हुआ, जब इंटेलीजेंस की एक बेहद गोपनीय रिपोर्ट लीक हो गई। हालांकि उस वक्त इस रिपोर्ट पर लोगों ने भरोसा नहीं किया, लेकिन अब रिपोर्ट का आकलन सटीक साबित हुआ है।
ये रिपोर्ट 16 फरवरी यानी चुनाव के ठीक दो दिन बाद लीक हुई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 38 पर भाजपा का कब्जा होना था और कांग्रेस के खाते में 25 सीटें आने का अनुमान था। इसके अलावा बसपा को चार और निर्दलीय को एक सीट दी गई थी। इधर, जब 10 मार्च को नतीजे घोषित किए गए तो भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की और कांग्रेस के हाथ महज 18 सीटें ही लगीं। जबकि बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी ने दो-दो सीटें जीतीं और इस लिहाज से इंटेलीजेंस की लीक रिपोर्ट के आंकलन को सटीक माना जा रहा है।
बात सिर्फ इतनी नहीं, अगर 70 सीटों पर गौर करें तो ऐसी महज 18 सीटें जहां वास्तविक नतीजों और लीक रिपोर्ट में अंतर है। अन्यथा बाकी बची 52 सीटों पर कहां से कांग्रेस, कहां से भाजपा और कहां से निर्दलीय जीत रहे हैं, इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में यह तक सटीक साबित हुआ। इसका सीधा अर्थ ये है कि इंटेलीजेंस की टीम ने चुनाव से काफी पहले ही सभी 70 सीटों पर अपनी टीम को सक्रिय कर दिया और आम आदमी के बीच बेहद गोपनीय तरीके से पहुंची इस टीम ने जो आंकड़े जुटाए उसने चुनाव से पहले ही भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आने की घोषणा कर दी थी।
यमुनोत्री, लक्सर और खानपुर की भविष्यवाणी भी सही साबित हुई
हल्द्वानी। इंटेलीजेंस ने अपनी रिपोर्ट में यमुनोत्रीस, लक्सर और खानपुर सीट पर भविष्यवाणी की थी। यमुनोत्री सीट को लेकर रिपोर्ट में कहा गया था कि इस सीट पर कांग्रेस की छवि विवादस्पद और भ्रष्टाचारी है। जबकि भाजपा अप्रत्यक्ष तौर पर निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोबाल को समर्थन दे रही है और जनता की सहानुभूति भी निर्दलीय संजय के साथ है। इस आकलन का नतीजा यह हुआ कि संजय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 6639 वोट से हरा दिया। ऐसा ही लक्सर और खानपुर सीट पर हुआ। खानपुर सीट से निर्दलीय उमेश कुमार की जीत हुई और लक्सर में बसपा की जीत का दावा भी सटीक साबित हुआ। लक्सर सीट से बसपा के शहजाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के संजय गुप्ता को 10440 वोट से मात दी।
बड़े नेताओं का भविष्य नहीं बता सकी इंटेलीजेंस की रिपोर्ट
हल्द्वानी। बड़े नेताओं का भविष्य बताने में इंटेलीजेंस नाकाम साबित हुआ और इसके पीछे वजह भी बड़े चेहरों के बड़े रसूख को माना जा रहा है। किसने सोचा था कि मुख्यमंत्री रहते हुए पुष्कर सिंह धामी अपने ही गृह क्षेत्र खटीमा विधानसभा से चुनाव हार जाएंगे और वो भी एक बड़े अंतर से। ठीक इसी तरह रामनगर छोड़ कर लालकुआं से ताल ठोंकने वाले हरीश रावत की हार का अनुमान भी कोई नहीं लगा रहा था। उनके सामने भाजपा प्रतिद्वंदी मोहन सिंह बिष्ट को बेहद कमजोर माना जा रहा था। हालांकि हुआ इसके ठीक उलट, मोहन सिंह बिष्ट ने हरीश रावत पर बहुत बड़ी जीत दर्ज की।
अंदेशा था कि अल्मोड़ा में चला मोदी का जादू
हल्द्वानी। अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा अल्मोड़ा, द्वाराहाट, सल्ट, जागेश्वर, रानीखेत और सोमेश्वर में इस बार भाजपा की सीटें फंसी मानी जा रही थी, क्योंकि इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। हालांकि पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन गोविंद सिंह कुंजवाल के किले (जागेश्वर) की एक ईंट तक भाजपा नही उखाड़ पाई थी। इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चुनाव से ठीक पहले अल्मोड़ा में हुई प्रधानमंत्री मोदी की रैली से फर्क पड़ेगा और भाजपा जीतेगी और हुआ भी ऐसा ही। कुंजवाल हार गए और जिन सीटों पर कांग्रेस जीती तो बेहद मामूली अंतर से।