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कितना संक्रामक है ओमिक्रोन, जानिये यहां

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डॉ अरविंद मिश्रा

बुरी खबर यह है कि हर किसी का ओमाईक्रान से संक्रमित होना लगभग तय है। मगर अच्छी खबर यह कि इससे जान को पिछले डेल्टा वायरस जैसा खतरा नहीं है। कोरोना वायरस के ओमाइक्रोन वैरियेंट के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसने एक बार फिर रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू को बाधित करना आरंभ कर दिया है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि ओमाइक्रोन वायरस के पिछले रूपों की तुलना में काफी अधिक संक्रामक है। कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना ​​है कि यह पूरे मानव इतिहास में सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस है।

चिकित्सा इतिहासकार और बास्क म्यूज़ियम ऑफ़ मेडिसिन एंड साइंस के निदेशक एंटोन एर्कोरका की स्पैनिश अखबार एल पेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ओमाईक्रान ने ब्लैक डेथ के रूप में कुख्यात बुबोनिक प्लेग की संक्रामकता को भी पीछे छोड़ दिया है – जिसके परिणामस्वरूप यह अब तक की सबसे तीव्र फैलने वाली महामारी दर्ज की गई है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर कम्युनिकेबल डिजीज डायनेमिक्स के सह-निदेशक विलियम हैनेज के अनुसार यह निश्चित रूप से सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस है, जिसकी जांच पड़ताल में सारे विश्व के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।

ब्लैक डेथ यानि तावन जब मध्यकालीन यूरोप से फैलना शुरु हुआ था तो यात्रायें दुर्गम थीं, जबकि आज के इस युग में कोविड ने जल्दी ही सारी दुनिया पर कब्जा कर लिया।

ओमाईक्रान वर्तमान में अमेरिका में कोविड का सबसे व्यापक रुप है । विश्व भर में और भारत में भी अब यह तेजी से फैल रहा है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया है कोविड के पिछले प्रकारों की तुलना में इससे मौतों की संख्या नगण्य है।

यह साबित हो गया है कि व्यापक टीकाकरण किसी भी संक्रमण के प्रभाव को काफी कम कर देता है। एक और अच्छी बात देखी जा रही है कि ओमाईक्रान मुख्य रूप से फेफड़ों के बजाय ऊपरी श्वसन प्रणाली पर ही मुख्यतः आक्रमण कर रहा है और वहीं तक सीमित हो रहता है।
किन्तु अगर हम ओमाइक्रोन को बड़े पैमाने पर बढ़ने पर अंकुश नहीं रखते हैं, तो इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मौतें भी होने लगे।कोमार्बिड पेशेन्ट इसके शिकार हो सकते हैं।

दक्षिण अफ्रीका में मौजूदा मामलों से संकेत मिलता है कि वहां ओमाईक्रान संक्रमण तेजी से कम होना शुरू हो गया है। भारत में परीक्षण, संक्रमित के अलगाव के प्रयासों में वृद्धि लाकर , हम उम्मीद कर सकते हैं कि पिछले साल हुई भयावह आपदा से बचने में सक्षम हो जायेंगे।

अगर हमने विगत दो सालों के दौरान लम्बे लॉकडाउन और लड़खड़ाती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से सचमुच कुछ सीखा है तो भला सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में लापरवाह कैसे हो सकते हैं? इसलिए “कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर” में तनिक भी शिथिलता न बरतें अन्यथा सौ फीसदी संभावना है कि आप ओमाईक्रान से संक्रमित हो जायेंगे। भले ही यह अभी जानलेवा नहीं है मगर आगे कौन जाने? यह वायरस बहुत छलिया है।

भारतऔरकोविड19

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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