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अरे सठिया गए हो क्या !!! तो फिर अब रिटायरमेंट के बाद कहां सोच रहे जिलाध्यक्ष बनने की नेताजी…भाजपा के सांगठनिक चुनाव के बीच

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हल्द्वानी। 60 पूरे होने के बाद भी अगर जिलाध्यक्ष बनने की सोच रहे हो नेताजी, तो जाहिर सी बात है माना जाएगा कि आप वाकई में सठिया गए हो…। अब यहां जहां तक भी पहुंच गए, वहीं से यह माना जाएगा कि आप राजनीति में रिटायरमेंट ले लो तो ही ठीक… रिटायरमेंट का मतलब यह हुआ कि जिलाध्यक्ष तो आप बनने से रहे। इसके इतर अगर दाएं बाएं कुछ कर लें तो फिर गनीमत…।

और भाई साहब क्या हाल हैं सब ठीक चल रहा है… जन्मदिन की आपको बहुत-बहुत बधाई, तो कितने साल काट लिये आपने जीवन के…!!! भारतीय जनता पार्टी में जिला अध्यक्ष बनने की सोच रहे एक नेताजी से उनका एक कार्यकर्ता जबरन चुहल करने पर आमादा है। नेताजी जिला अध्यक्ष बनने की सोच रहे हैं, यह तो कार्यकर्ता को पक्का मालूम नहीं है, मगर उनसे उम्र पूछने के बहाने वह यह जरूर पक्का करना चाह रहा है कि आखिर नेताजी क्या चाह रहे हैं.. और उनके मन में जिलाध्यक्ष बनने का कीड़ा कहीं है या नहीं। अब भारतीय जनता पार्टी जैसे धुर सांगठनिक राजनीतिक दल में जिला अध्यक्ष का प्रोटोकॉल तगड़ा ही माना जाता है। कार्यकर्ता बोला, सीएम साहब आएंगे तो जिला अध्यक्ष जी तो उनकी गाड़ी में साथ जाएंगे ही, मंच में जिला अध्यक्ष जी बैठेंगे भी बगल में ही…। यही जिला अध्यक्ष बनने का सबसे बड़ा फायदा और यही सबसे बड़ा लालच भी है। उधर नेताजी ने अभी अपनी उम्र का कोई हवाला कार्यकर्ता को नहीं दिया है… मगर कार्यकर्ता भी कहां मानने वाला, वह तो बहुत राज फाश करने की मंशा लिए ही बैठा है…. फलाने जी ने तो 60 साल पूरे कर लिए हैं भाई साहब… तो आपका ही पक्का लग रहा है इस बार, बस यह एज वेज का कोई लफड़ा न हो। संभावित जिला अध्यक्ष जी ने ठोस जवाब दिया… 60 से ऊपर उम्र वालों को जिलाध्यक्ष नहीं बनाने का पार्टी का निर्णय बिल्कुल ठीक है और मैं तो इस बात का पूरा समर्थन कर ही रहा हूं… इस वाक्य में ही उनकी संभावनाएं और उनकी उम्मीदें टिकी हुई हैं, लिहाजा यहां उम्र बताने का अब उनके लिए कोई औचित्य नहीं।

भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश में इन दिनों संगठन के चुनाव की प्रक्रिया जारी है। पार्टी ने इस बार यह तय किया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के कार्यकर्ता को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। पार्टी में यह फरमान लागू होने के बाद जिला अध्यक्ष बनने का ख्वाब संजो रहे कई नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है। ऐसे में एक दूसरे से बातचीत कर उम्र जानने की यह कोशिश इसलिए जारी है ताकि पता चल सके कि कौन जिलाध्यक्ष बनने के योग्य है, और कौन अब रिटायर हो चुका है। प्रदेश में कई वर्तमान जिला अध्यक्ष अभी अपनी उम्र के हिसाब से दोबारा इस पद पर आसीन होने की आस लगाए बैठे हैं तो नए लोग भी जिला अध्यक्ष बनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। संगठन से लेकर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तक इस बात की सिफारिश में पहुंच रही है, ऐसा भीतरी सूत्र बता रहे हैं। कई जिलों में पूर्व के जिलाध्यक्ष भी अपनी दूसरी बार ताजपोसी के प्रयास में लगे हैं। बरहाल जिला अध्यक्ष जो भी बने मगर उम्र को लेकर जो लकीर पार्टी ने खींच दी है, उसके बाद कई जिलों में निर्णय चौंकाने वाले भी आ सकते हैं, ऐसा माना जा रहा है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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