उत्तराखण्ड
हरीश फिर मैदान में: हरक एंड पार्टी ने जहां ललकारा वहीं पहुंचे दम भरने, वार चरम पर
देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत हरिद्वार की राजनीति में अपने विरोधियों के आगे घुटने टेकेंगे, इसके संकेत कम ही हैं। बुधवार को उन्होंने हरिद्वार पहुंचने के साथ ही अपने आगामी कार्यक्रमों के बूते विरोधियों को संदेश दिया। यह बात अलग है कि रावत विरोधी गुट भी उन्हें चुनौती देने में कसर छोड़ने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस के भीतर गुटीय खींचतान का नया रूप
इस गुट की हालिया गतिविधियों को वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव में रावत को हरिद्वार के स्थान पर कुमाऊं मंडल तक सीमित करने के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस के भीतर गुटीय खींचतान नया रूप लेती दिखाई दे रही है। उत्तराखंड में लगातार दो विधानसभा चुनाव और दो लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। पार्टी नए सिरे से संगठन को खड़ा करने में जुटी तो है, लेकिन एक बार फिर गुटबंदी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनका विरोधी खेमा आमने-सामने आ गए हैं। रावत विरोधी खेमे की कमान पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने हाथ में ली है।
राजनीतिक अभियान जारी रखने के दिए स्पष्ट संकेत
इसके साथ ही हरिद्वार लोकसभा सीट पर रावत की संभावित दावेदारी को चुनौती देने के लिए आधार भूमि तैयार की जाने लगी है। बीते रोज हरिद्वार के नेताओं के साथ हरक सिंह रावत, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी की बैठक को इसी दृष्टि से देखा जा रहा है। जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके समर्थक भी मोर्चा संभालने आगे आए हैं। बीते रोज रावत समर्थकों ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को ज्ञापन सौंपकर रावत के विरुद्ध बोलने वालों पर कार्यवाही की मांग की थी। बुधवार को रावत स्वयं हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने हरिद्वार सीट पर पूर्व मंत्री हरक सिंह की दावेदारी पर तो टिप्पणी नहीं की, लेकिन जिले में कार्यकर्त्ताओं से भेंटकर अपना राजनीतिक अभियान जारी रखने के स्पष्ट संकेत दिए।
दोस्त टोटका समझें, आपत्ति नहीं: हरीश रावत
इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने अपने विरोधियों पर कविता की पंक्तियों के माध्यम से निशाना साधा। उन्होंने कहा ‘मेहनत के दिए जलाए जा, हार-जीत की परवाह किए बिना, प्रशंसा और निंदा आते रहेंगे जीवन में, तू कदम दर कदम पार्टी का झंडा उठाए जा।Ó हरिद्वार में विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होने का जिक्र करते हुए राजनीतिक टोटकेबाजी के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक कार्यक्रम टोटका ही सही, लेकिन इसे जारी रखा जाएगा। दोस्तों को ये टोटका नजर आए तो भी उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। यदि कोई इन संदेशों को समझे तो उन्होंने जनपरक, राज्यपरक और कांग्रेसपरक एजेंडा बनाया है। इसके लिए उन्हें सबका संरक्षण और समर्थन चाहिए।

