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Guideline for Vaccination: टीकाकरण की क्या है नई गाइडलाइन? संक्रमण से ठीक होने के कितने महीने बाद दी जाए टीके की डोज
अगर आप कोरोना से संक्रमित हुए हैं तो उससे उबरने के तीन महीने बाद ही आप टीका लगवाने के लिए पात्र होंगे। टीकाकरण से संबंधित नई गाइडलाइन में सतर्कता डोज को भी लाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकास शील ने इसको लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से सतर्कता डोज के लिए पात्र कोरोना पीडि़तों के टीकाकरण को लेकर उचित सलाह की मांग की गई थी।
विकास शील ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति के सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने की पुष्टि लैब में होती है तो उसे सतर्कता डोज समेत टीके की कोई भी डोज ठीक होने के तीन महीने बाद ही लगाई जा सकती है। पत्र में इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को जानकारी देने का अनुरोध भी किया गया है। शील ने कहा है कि यह सुझाव वैज्ञानिक तथ्यों और टीकाकरण को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की सिफारिशों पर आधारित है।
बता दें कि टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत पिछले साल 16 जनवरी को शुरू हुई थी। इस साल तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोरों का टीकाकरण शुरू हुआ था, जबकि 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर रोगों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज लगाई जा रही है। सतर्कता डोज सामान्य टीकाकरण के तहत लगाई जाने वाली दूसरी डोज के तीन महीने बाद दी जा रही है।
बता दें कि देश में 150 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 64 फीसद आबादी को एक डोज मिल चुकी है और 46 फीसद आबादी को वैक्सीन की दो डोज लग चुकी है। ऐसे में यह उम्मीद कम ही है देश में कठोर लाकडाउन की स्थिति नहीं बनेगी। फिलहाल कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो स्थिति काबू में हैं। लाकडाउन से बचने के लिए हमें सरकार की गाइड लाइन और सुझावों पर कठोरता से अमल करना होगा। कोरोना प्रोटोकाल को कड़ाई से पालन करना होगा।