हल्द्वानी
##मीटर रीडिंग में बड़ा अंतर आने से विद्युत उपभोक्ता परेशान, निजी कंपनी पर उठ रहे सवाल###
हल्द्वानी: मीटर रीडिंग लेने वाली निजी कंपनियों की कार्यप्रणाली इनदिनों चर्चाओं में है। अगस्त जून और जुलाई के मीटर रीडिंग में बड़ा अंतर सामने आने से गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। कर्मचारी भले ही रीडिंग देखकर खानापूर्ति कर रहे हो, लेकिन इसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ रहा है।
ऊर्जा निगम ने रीडिंग लेेने का जिम्मा निजी कंपनियों को दिया है। कंपनी ने अनट्रेड युवाओं को इस काम के लिए रखा है। मशीन लेकर कर्मचारी घरों में पहुंचते तो हैं। इसके बावजूद रीडिंग में काफी अंतर आ रहा है।
विद्युत वितरण खंड ग्रामीण क्षेत्र के अधिशासी अभियंता डीडी पांगती का कहना है कि जो शिकायतें आई थी। उनके बिलों की जांच कर दोबारा रीडिंग कराई गई है। रीडिंग कम या ज्यादा लोड बढऩे पर होती है। मामला गंभीर होने पर इसकी फिर जांच कराई जाएगी।
केस-1
हर महीने बिजली का बिल जमा करते हैं। इसके बावजूद जुलाई का बिल तीन हजार रुपये आ गया। मीटर की रीडिंग के लिए कर्मचारी एक बार आते हैं। उसी के आधार पर अगले महीने बिना रीडिंग लिए बिल भेज दिया जाता है। मुन्नी देवी, जीतपुर नेगी।
केस-2
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर रीडिंग की शिकायत की है। कर्मचारी रीडिंग अधिक दिखाकर बिल थमा रहे हैं। मामले की शिकायत डीएस से की जाएगी। नाजिया, बनभूलपुरा।
केस-3
हमारे क्षेत्र में तीन माह से बिजली के बिल नहीं आए। अब एकमुक्त बिल देने में परेशान होना पड़ा। रीडिंग लेने वाले कर्मचारी कभी तो दो-दो आ जाते। कभी महीनों तक नहीं आते। सुरेंद्र सिंह, कमलुवागांजा।
केस-4
मीटर की रीडिंग लेने के लिए कर्मचारी आते ही नहीं है। लेकिन हर महीने बिल भारी भरकम आ जाता है। अधिकारियों से शिकायत करों तो जांच की बात कहकर मामले का लटका देते हैं। संतोष कुमार, रामपुर रोड।

