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होटल में रहने से बढ़िया भारत के इन 5 खूबसूरत बौद्ध मठ का करें रुख, सुकून और चैन दोनों मिलेंगे यहीं

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भारत में कई मठ हैं, जो लोगों को शांति और एकांत का अनुभव प्रदान करते हैं। यही नहीं, यहां के मठ उन लोगों को आवास प्रदान करते हैं, जो बौद्ध धर्म पढाई करना चाहते हैं या अध्ययन करने के इच्छुक हैं। इनमें से कुछ बौद्ध मठ ऐसे भी हैं, जो एडवेंचर प्रेमियों और पर्यटकों को आवास प्रदान करते हैं। आज हम आपको भारत के उन बौद्ध मठों के बारे में बताने वाले हैं, जहां आपको एक बार ट्रिप के दौरान जरूर जाना चाहिए। होटल में रुकने के बजाए आप यहां रुकने का ऑप्शन देख सकते हैं।

हेमिस मठ – Hemis Monastery

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लद्दाख में मौजूद हेमिस मठ ज्यादा बड़ा नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से भारत का सबसे पुराना मठ है। ऐसा कहा जाता है कि मठ 11वीं शताब्दी से अस्तित्व में था और 1652 में फिर से इसे स्थापित किया गया था। मठ प्रसिद्ध और प्राचीन अवशेषों और पवित्र थांगकाओं का घर है। टूरिस्ट सीजन जून से जुलाई के दौरान होता है जब यहां वार्षिक हेमिस महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस उत्सव के दौरान, पर्यटक मठ में रह सकते हैं और नकाबपोश नृत्य उत्सव का आनंद ले सकते हैं।

फुकताल मठ – Phuktal Monastery

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ज़ांस्कर में मौजूद फुकताल मठ, शांति की तलाश में ट्रेकर के लिए एक अनोखी और शांत जगह है। खूबसूरत मठ गुफा के मुहाने से चट्टान के नीचे एक कण्ठ से शुरू होता है। ऐसी खूबसूरती आपको सच में हैरान कर देगी। आपको मठ तक पहुंचने के लिए एक नदी के ऊपर एक निलंबन पुल को पार करना होगा। ऐसा रास्ता किसी रोमांच से कम नहीं होगा। मानसून के दौरान, गुफा के मुहाने के नीचे एक झरना बहता है, जिसका नजारा वाकई में देखने लायक होता है। यात्रा करने का सबसे अच्छा समय जुलाई और सितंबर के बीच मानसून के मौसम के दौरान है।

रुमटेक मठ – Rumtek Monastery

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सिक्किम में मौजूद रुमटेक मठ, सबसे बड़े और सबसे अधिक देखे जाने वाले मठों में से एक है। सिक्किम में 150 से अधिक मठ हैं, उनमें शामिल रुमटेक भी वहीं मठ है जो लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है। ये मठ भारत में सबसे रंगीन और भव्य मठों में से एक के रूप में जाना जाता है। इस मठ में जाने का सबसे अच्छा समय मई से जून के दौरान है जब तिब्बती नव वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है।

थिकसे मठ – Thiksey Monastery

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लद्दाख में थिकसे मठ अपनी वास्तुकला के लिए लोगों को आकर्षित करता है। यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लद्दाख मठ पहाड़ी के एक तरफ स्थित है। सूर्यास्त के दौरान तो ये जगह और भी ज़्यादा भव्य लगने लगती है। सामने प्राचीन मठ के नजारों के साथ इसमें बुद्ध की 49 फीट की मूर्ति भी स्थापित है। वार्षिक उत्सव और मेला अक्टूबर से नवंबर के दौरान आयोजित किया जाता है, इसलिए अपना कार्यक्रम उसी हिसाब से तय करें।

ताबो मठ – Tabo Monastery

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भारत के ज्यादातर बौद्ध मठों की तरह, ताबो मठ एक पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है। स्पीति में सबसे महत्वपूर्ण मठ होने के बावजूद, यह अभी भी उतने पर्यटकों को आकर्षित नहीं करता है जितना भारत में लोग अन्य मठों में जाते हैं। सर्दियों में मठ के बड़े कमरों में रहना दुनिया के सबसे अलग अनुभवों में से एक है। ताबो मठ से एक छोटा गांव भी दिखता है, जो उतना ही शांत है जितना मठ है। मठ की दीवारों को उत्तम रेशम चित्रों से सजाया गया है जिन्हें थांगका कहा जाता है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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