अंतरराष्ट्रीय
दोस्त भारत को मदद पहुंचाने का रूट निकल गया, 3800 KM सफर तय कर रूस से ईरान पहुंची ट्रेन
महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) का उपयोग करके पहली बार रूस की ट्रेन अपने दोस्त भारत के लिए माल लेकर ईरान पहुंच गई है। इस दौरान ट्रेन ने कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए लगभग 3,800 किमी की यात्रा तय की है। ईरानी मीडिया की खबर के अनुसार, 39 फ्रेट कंटेनरों के साथ ट्रेन ने तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर सरखास स्टेशन के जरिये मंगलवार को ईरान में प्रवेश किया।
आईएनएसटीसी 7,200 किलोमीटर लंबी बहुविध परिवहन परियोजना है जिससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के लिए माल भेजा जा सकता है। भारत इस परियोजना का समर्थन करता रहा है। खबर के मुताबिक, सरखास रेलवे स्टेशन से माल की खेप को 1,600 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग का इस्तेमाल करते हुए दक्षिण ईरान में बंदर अब्बास पत्तन ले जाया जाएगा जहां से इसे समुद्री मार्ग से भारत भेजा जाएगा।
तेहरान टाइम्स की खबर के अनुसार, ईरान के अधिकारियों ने ट्रेन का स्वागत करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया और इसमें प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर के साथ परिवहन, तेल, उद्योग और कृषि मंत्रियों ने भाग लिया। ट्रेन छह जुलाई को रूस के चेखव स्टेशन से रवाना हुई थी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ईरान की यात्रा कर सकते हैं और उनकी बातचीत में क्षेत्र में संपर्क और मजबूत करने का विषय भी आ सकता है। भारत भी क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने पर जोर दे रहा है। वह चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान के साथ काम कर रहा है। भारत ने इस बंदरगाह को आईएनएसटीसी के दायरे में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है।