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जमरानी की गहराइयों से निकाला टिकट, राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी के चार दशकों का संघर्ष और आखिरकार “हाथ” आ ही गई दावेदारी
मनोज लोहनी, हल्द्वानी। राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी और जमरानी बांध आंदोलन को एक दूसरे से जोड़कर देखा जाता है, जब आज से 3 दशक पहले ललित जोशी ने जमरानी बांध आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना शुरू कर दिया था। जमरानी बांध के धरातल में उतरने का अब समय आ चुका है और लगभग 4 दशकों के आंदोलन के बाद ही ऐसा संभव हुआ। ठीक ऐसा ही जमरानी बांध के लिए आंदोलन करने वाले कांग्रेस नेता ललित जोशी के साथ हुआ जब चार दशक के बाद उनके हाथ आखिरकार कांग्रेस का टिकट आ ही गया। राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी को टिकट मिलने के बाद यह उनकी बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
हल्द्वानी के लोग जब शनिवार सुबह उठे तो आकाश बादलों से भरा था और बरसात शुरू होने के साथ ही फिजाओं में हल्की ठंडक भी थी। मगर राजनीति का तापमान यहां कहीं भी काम नहीं था जब लोगों ने सुबह-सुबह ही उठकर सोशल मीडिया पर यह देखा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों दलों ने नगर निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा में चूंकि अभी नगर निगम के दावेदारों की लिस्ट नहीं प्रकाशित हुई है, अलबत्ता कांग्रेस ने इस मामले में बाजी मारते हुए नगर निगम के प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इसके साथ ही हल्द्वानी के लोगों को शनिवार सुबह की इस ठंड में चाय के साथ चर्चा करने का बड़ा विषय मिल गया। और फिल्म वक्त सबसे बड़ा विषय यह है कि हल्द्वानी नगर निगम में राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी कांग्रेस की सीट से दावेदार होंगे।
हल्द्वानी नगर निगम सीट इससे पूर्व में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई थी। ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद हल्द्वानी में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में किसी भी प्रकार की कोई खास हलचल नजर नहीं आई सिवाय इस बात के कि भारतीय जनता पार्टी में गजराज सिंह बिष्ट ने अपनी पुख्ता दावेदारी प्रस्तुत कर दी है। मगर ऐसा कुछ ही समय चल पाया और अंत में हल्द्वानी की सीट फिर से सामान्य वर्ग के लिए आ गई। इसके बाद फिर शुरू हुई टिकट को लेकर दावेदारों की हलचल।
अब बात फिर से कांग्रेस के प्रत्याशी ललित जोशी की। युवाओं के बीच में काफी लोकप्रिय चेहरा ललित जोशी राज्य आंदोलनकारी के रूप में तो जान ही जाते हैं मगर जमरानी बांध आंदोलन में भी उन्होंने काफी सक्रिय भागीदारी निभाई। पिछले 30 वर्ष में राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने जमरानी बांध के लिए तमाम बड़े आंदोलन किए। श्री जोशी को भी शायद ही मालूम होगा कि जमरानी बांध का अस्तित्व में आना और उन्हें टिकट मिलना एक साथ संभव हो वह भी इतने लंबे संघर्ष के बाद।
राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने वर्ष 1991 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र कांग्रेस यानी एनएसयूआई के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू करी थी। 1991 में वे जिला सचिव एनएसयूआई नैनीताल रहे। 1995 में एमबीपीजी कॉलेज में सचिव और 1998 में एमबीपीजी कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। एनडी तिवारी सरकार में ललित जोशी को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया। ललित जोशी हल्द्वानी में राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय पदाधिकारी और कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। बहरहाल लाल ललित जोशी के चार दशकों का संघर्ष अब सामने आया है और प्रतिफल के रूप में उन्हें हल्द्वानी जैसे नगर निगम के मेयर पद की दावेदारी मिली है। ललित जोशी का कहना था कि उन्हें अपने संघर्षों का टिकट के रूप में जो फल मिला है उसे वह जीत के रूप में दर्ज कराएंगे।