देहरादून
नकली दवा का भंडाफोड: दिल से दिमाग तक की नकली दवा, स्क्रैप हो चुकी दवाईयों के पाउडर से फिर दवा बनाने का भंडाफोड
देहरादून। पुलिस, एसओजी और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने विकासनगर में दवाइयों के कारोबार के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने चार कुंतल औषधीय पाउडर और कैप्सूल सेल के साठ बैग बरामद किए हैं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके दो साथी फरार हैं।
डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि सेलाकुई फार्मा सिटी स्थित दवा कंपनियों से स्क्रैप हो चुकी दवाईयों का पाउडर खरीदकर उसे कैप्सूल में भरकर कंपनियों को बेचा जा रहा था। बुधवार को सेलाकुई के शंकरपुर में टीम ने ऐसे ही एक गोदाम पर छापा मारा। जहां पुलिस को चार कुंतल दवाईयों का पाउडर और खाली कैप्सूल से भरे 60 बैग बरामद किए। मौके से आशीष कुमार निवासी लखीमपुर खीरी यूपी को गिरफ्तार किया।
उसके फरार साथी अनिल कुमार निवासी शिवनगर कॉलोनी सेलाकुई और इरफान निवासी रुड़की की तलाश की जा रही है। तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, औषधीय पाउडर को मिलाकर नकली दवा बनाने व औषधीय गुणों के अनुरूप दवा का नाम बदलकर बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपी को जेल भेज दिया है।
बताया गया है कि सहसपुर के शंकरपुर में छापेमारी के दौरान नकली दवा बनाने और बेचने के मामले में पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक आरोपी खाली कैप्सूल में दिल, बुखार और टीबी की नकली दवा भरकर बेचते थे। मोटी कमाई की लालच में ये शातिर इन दवाओं को बेचकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे।
जानकारों के मुताबिक शंकरपुर स्थित गोदाम से पकड़ा गया पाउडर एमसीसी (माइक्रो क्रिस्टलाइन सैलीलॉज) है, जबकि साठ बैग में पकड़े गये सेल कैप्सूल खाली हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अनुसार पकड़े गए पाउडर का इस्तेमाल ह्रदय रोग, टीवी, बुखार की दवाओं को बनाने में किया जाता है, लेकिन बेकार हो चुके औषधीय पाउडर का आरोपी गलत तरीके से इस्तेमाल कर विभिन्न दवाओं के नाम पर नकली दवा बनाकर बेचते थे। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार के अनुसार उक्त गलत और नकली दवाओं के सेवन से मरीज का ठीक होना तो दूर, उन्हें अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस तरह से आरोपी मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।