उत्तराखण्ड
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से जिम्मेदारी वापस लेने के बाद बढ़ा विवाद
अल्मोड़ा : कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की सभी जिम्मेदारी वापस लेने की पार्टी हाईकमान के फैसले से नाराजगी सामने आयी है। रविवार को पार्टी से जुड़े वनाधिकार आंदोलन के सदस्यों ने वर्चुअल बैठक कर आक्रोश जताया। उन्हें जिम्मेदारी वापस नहीं मिलने पर सभी ने पार्टी से त्यागपत्र देने की चेतावनी दी है।
वक्ताओं ने कहा कि 44 वर्षों से पार्टी की सेवा करते हुए किशोर उपाध्याय ने संगठन को मजबूत किया। राज्य आंदोलन में किशोर उपाध्याय की अहम भूमिका रही। राजीव गांधी के चहेते किशोर को आज षड़यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है। वनाधिकार आंदोलन के संस्थापक के रूप में वह उत्तराखंड की जनता के लिए पुश्तैनी अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच कुछ षड़यंत्रकारियों ने उन्हें यह कहकर पार्टी की जिम्मेदारी से अलग कर दिया कि वह विभिन्न दलों से मिलकर सांठगांठ कर रहे हैं। पर यह बिल्कुल गलत और निराधार है।
उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान शीघ्र निर्णय को वापस ले और उपाध्याय को पूरे सम्मान के साथ वापस जिम्मेदारी दी जाए। इस मौके पर वनाधिकार आंदोलन के प्रदेश संयोजक और सदस्य आशीर्वाद गोस्वामी, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनोज खुल्बे, सुनील भट्ट, करन, गीता बोहरा, चंद्रा गोस्वामी, डीके दानी, रमेश कुमार, विनोद कुमार, राकेश, अंजू आदि मौजूद रहे।