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मिसाल चम्पावत: डेंजर जोन में फंसे यात्रियों को बाद में पता चला कि उन्हें सुरक्षित पार कराने वाले कोई और नहीं….खुद डीएम हैं

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  • मुख्यमंत्री के मॉडल जिले की तस्वीर ही नहीं बदल रही है बल्कि बदल रही है, प्रशासनिक कार्य करने की संस्कृति भी।

गणेश पाण्डेय, लोहाघाट

चंपावत। राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्वाधिक डेंजर जोन स्वाला में लगातार ऊपर से आ रहे मलवा, गाद व बोल्डर गिरने से यहां ऐसे समय में लोगों की राह रुक गई, जब माता-बहने अपने भाइयों के हाथों राखी बांध कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेचैन थी। वर्ष भर में यह एक ही ऐसा पर्व होता है, जब सांसारिक जीवन में बिछड़े भाई-बहनों को आपस में मिलने का होता है। सड़क अवरुद्ध होने से इन बहनों की अंतर्मन की भावना को समझा जा सकता है। दिनभर रास्ता खुलने की उम्मीद कर रही बहनों व अन्य यात्रियों की उसे समय उनकी खुशी देखने लायक थी, जब जिलाधिकारी मनीष कुमार वाराही धाम से शीघ्र लौटकर डेंजर जोन के ग्राउंड जीरो में पहुंचे। उन्होंने जैसे-तैसे सड़क को पैदल चलने लायक बनाकर यात्रियों को आर-पार करना शुरू कर दिया।

इसके बाद जैसे ही थोड़ा रास्ता बना सभी अधिकारियो की गाड़ियां यात्रियों को आर-पार करने में लगा दी, ताकि लोग अपने घर समय से पहुंच सकें। यहां सुबह से ही एसडीएम सदर अनुराग आर्या र्मोर्चा संभाले हुए थे। लोगों को इधर से उधर करने का कार्य रात 9:00 बजे तक डीएम ने अपने सामने कराने के साथ यात्रियों को घर भेजने का सस्ता खोल दिया।

सड़क मार्ग में फंसे यात्रियों को बाद में पता चला कि साधारण कपड़ों में उनकी सारी व्यवस्था करने एवं उनकी सुध लेने वाला और कोई नहीं मॉडल जिले के जिला अधिकारी मनीष कुमार हैं। मुंबई से अपने भाई को राखी बांधने आ रही दीपा भट्ट, दिल्ली से आ रही पूजा, बरेली से आ रही विनीता आदि महिलाओं ने जहां यहां के प्राकृतिक प्रकोप को अपनी नजरों से देखा वहीं उन्हें इस बात की खुशी हुई कि अब उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए स्वयं जिला अधिकारी मोर्चा संभाले हुए हैं।

लखनऊ से आ रही बसंती का कहना था कि मुख्यमंत्री धामी जी के मॉडल जिले में केवल तस्वीर ही नहीं बदल रही है बल्कि प्रशासनिक कार्य संस्कृति के संस्कार भी बदल रहे हैं, जो हम सबके भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है ।

पूरी रात मलवा हटाने उपरांत आज सुबह 25 घंटे बाद खुल पाया राजमार्ग

चंपावत। स्वाला डेंजर जोन में प्रभारी ईई डीएस जरमाल के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग कर्मियों ने पूरी रात वहां स्टाफ बदल-बदल कर मलवे को साफ करने का काम जारी रखा जिसमें सुबह 25 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई। श्री जरमाल के अनुसार ऊपर मलवे के साथ कमेड आने से भी उसमें राह चलते लोगों को फिसलन हो रही है।

फोटो : रात में सड़क मार्ग में फंसे यात्रियों की सकुशल वापसी कराते, डीएम “नीली टी शर्ट” में मनीष कुमार तथा रात भर डेंजर जोन से मलवा हटाते एनएच कर्मचारी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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