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हर राह को थाह यहां: लोगों के बंद रास्ते खुल गए कमिश्नर के जनता दरबार में, समस्या लाए और समाधान लेकर गए लोग
हल्द्वानी। आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत ने शनिवार को मिनी स्टेडियम रोड स्थित कैंप कार्यालय में जन समस्याओं पर सुनवाई की। उन्होंने भूमि विवाद, रुपयों के लेन-देन, सरकारी गूलों पर अतिक्रमण, बिजली लोड संबंधी अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया। बाकी के लिए अगली तिथि नीयत की।
आयुक्त की जन सुनवाई में कुंदन सिंह गढ़िया निवासी दमुवाढूंगा जवाहर ज्योति ने बताया कि भास्कर साह ने सरकारी गूल पर दीवार बनाकर सार्वजनिक रास्ता रोक दिया है जिसकी वजह से लोगों को एक-डेढ़ किमी का फेरा लगाना पड़ रहा है। इस पर आयुक्त ने दोनों पक्षों को बुलाया। उन्होंने साह को दो दिनों में सरकारी भूमि से दीवार हटाने के निर्देश दिए। हंसा देवी पत्नी चंदन सिंह निवासी चांदनी चौक घुड़दौड़ा ने बताया कि विनोद पांडे पुत्र स्व. गिरीश चंद्र पांडे निवासी भीमनगर, खरमासा को वर्ष 2018 में 1.62 हेक्टेयर भूमि विक्रय की थी। रजिस्ट्री के वक्त 89.29 लाख रुपये देने का आश्वासन किया था लेकिन अभी तक रकम नहीं दी है। इस पर दोनों पक्षों में समझौता कराया। इसमें बकायेदार विनोद पांडे ने 18-18 लाख रुपये की पांच मासिक किश्तों में रकम देने का लिखित आश्वासन दिया।
उमा अधिकारी ने बताया कि जनवरी 2024 में संदीप को भवन क्रय करने के लिए दो लाख बकाया था लेकिन संदीप ने उक्त रकम भवन स्वामी को नहीं दी। अब रुपये वापस नहीं कर रहा है। आयुक्त के निर्देशानुसार संदीप ने दो किश्तें 19 दिसंबर को 30 हजार और 24 दिसंबर को 40 हजार की रकम दी है। बाकी 1.30 लाख रुपये जल्द देने का आश्वासन दिया। महिला ने आयुक्त का आभार जताया।
दिशा गोस्वामी निवासी सितारगंज ने बताया कि उन्होंने सिडकुल रोड वार्ड नंबर-2 में हेमंत बोरा से प्लॉट क्रय किया था। रजिस्ट्री में 20 फिट का रास्ता दर्शाया था लेकिन हरीश जोशी नामक व्यक्ति ने उक्त रास्ते को बन्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि कई बार प्रार्थना करने के बाद भी हरीश जोशी ने रास्ता नहीं खोला है जिस पर आयुक्त ने हरीश जोशी को तलब कर कहा कि जब रजिस्ट्री में रास्ता दर्शाया गया है तो कानूनन रास्ता बन्द नहीं किया जा सकता है। जल्द ही रास्ता खुलवाने के निर्देश दिए। आयुक्त रावत ने जनसुनवाई में आने वाले फरियादियों से कहा है कि फरियादी सर्वप्रथम जिस विभाग से संबंधित समस्या है उस विभाग के अधिकारियों से मिले अगर समस्या का समाधान न हो तो कमिश्नर की जनसुनवाई में आए।