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चुनावी मौसम और हरक का दिल्ली जाना…
मनोज लोहनी
किसी का कहीं आना-जाना कोई खबर तो नहीं है, मगर नेता जी का, वह भी चुनाव में जाना, जाना भी दिल्ली! उस पर अगर जाने वाले का नाम हरक सिंह रावत हो… तो यह अपने आप में उत्तराखंड के लिए खबर तो है ही और यही यह खबर भी है। इस खबर की पैदाइश तब हुई जब पता चला कि हरक सिंह रावत दिल्ली जा चुके हैं। हरक दिल्ली तो गए मगर अपने पीछे यहां खबरों, अफवाहों और कयासों के बवंडर छोड़कर। कोई दिल्ली गए तो क्या हुआ, मगर यहां हरक हैं और इसीलिए सोशल मीडिया में हर तरफ हरक ही हरक हैं। दिल्ली जाने में भला क्या बुराई है? कोई बुराई नहीं है मगर यह वही हरक सिंह रावत हैं जिनकी जब किसी से खटपट हुई तो उसका कोई न कोई रिजल्ट जरूर निकला। उनके दिल्ली जाने का लिंक कोई खटपट है या कुछ और मगर कांग्रेसियों को इस खबर को हाथों ‘हाथÓ लेना ही था और उन्होंने कह दिया कि हरक के ‘हाथÓ अब हमारे हाथ है। हालांकि हरक कांग्रेस के हाथ आने वाले हैं या नहीं यह पता नहीं मगर उनका दिल्ली जाना खबरों का उत्सव तो है ही। भला हुआ जो दिल्ली यहां से दूर नहीं, मगर कन्याकुमारी से दिल्ली तक की दौड़ होती तो खबरों में लगभग तय ही हो चुका होता कि हरक हाथ आ गए। संशय इसलिए है कि दिल्ली हरक काम के लिए भी जा सकते हैं, जैसा कि कुछ खबरें कह रही हैं। मगर कांग्रेस, भाजपा दोनों ही दलों को हरक ने हमेशा अपने काबू में रखा और उनकी हनक राष्ट्रीय दलों पर हमेशा भारी पड़ी। इसलिए भी खबरें गर्म हैं इस बार भी हरक कुछ कर गुजरेंगे। हरक दिल्ली गए हैं तो कुछ लेने ही गए होंगे, ऐसा कोई कांग्रेसी कह रहे थे। भाजपाई ने जवाब दिया, जो उन्हें चाहिए वह पहले ही मिल चुका है, कोई हनक वाली बात नहीं है। अब हरक दिल्ली से क्या कुछ लेकर आते हैं, वह जल्द ही साफ होगा, मगर हरक का दिल्ली जाना….जरूर एक खबर तो है ही।