उत्तराखण्ड
Uttarakhand Election 2022 : जिद रामनगर की, टिकट सल्ट का मिला, जानिए कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत सिंह रावत के बारे में
रामनगर सीट से चुनाव लडने की जिद पाले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत को पार्टी हाइकमान ने गुटबाजी के चलते सल्ट से टिकट थमा दिया। हालांकि सल्ट सीट से पूर्व ब्लाक प्रमुख व पूर्व में विधानसभा फिर उपचुनाव लड चुकी गंगा पंचोली को मैदान में उतारे जाने की चर्चाएं भी जोरों पर थी। मगर बुधवार को एकाएक बदले सियासी समीकरणों के बाद देर रात सल्ट सीट के लिए रणजीत सिंह रावत के नाम पर मुहर लगा दी गई।
रणजीत रावत को पूर्व सीएम व उनके सियासी गुरु हलीश रावत ने पहली बार वर्ष 2007 में कांग्रेस से टिकट दिलाया और उन्हें जिताने में भी बडी भूमिका निभाई थी। हालांकि उसके बाद रणजीत रावत का जनाधार सल्ट क्षेत्र में घटता चला गया और 2012 के विस चुनाव में दोबारा नहीं जीत सके। हरीश रावत सरकार के टूटने और अल्पमत में आने के पीछे रणजीत रावत को बडा कारक माना जाता रहा। सल्ट में कमजोर पकड और चुनावी डगर कठिन देख वह 2017 के विधानसभा चुनाव में पलायन कर रामनगर से चुनावी मैदान में उतरे जहां कांग्रेस के एक बडे धडे के विरोध के चलते रणजीत रावत चुनाव हार गए। इस बार पार्टी हाइकमान ने सल्ट से टिकट देकर भरोसा जताया है।
ऐसे हाथ आई बाजी
सल्ट के पूर्व विधायक रह चुके रणजीत सिंह रावत 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होेते ही सियासी करवट लेकर अपने गुरु हरीश रावत का विरोध और हरदा विरोधी खेमे से हाथ मिला रणजीत रावत पार्टी में खुद को स्थापित करने में जुट गए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम कैंप फिर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से नजदीकियां बढा राजनीतिक करियर संवारने में जुट गए।
हाईस्कूल पास रणजीत रावत ने 2017 के विस चुनाव के बाद रामनगर को अपना सियासी क्षेत्र बनाना शुरू किया लेकिन हरदा कैंप के कांग्रेसियों ने उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया। अबकी विस चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत की रामनगर से दावेदारी के बावजूद खुद भी वहीं से चुनाव लडने की जिद पकडे रणजीत रावत को पार्टी संगठन ने पूर्व ब्लाक प्रमुख गंगा पंचोली का टिकट काट नामांकन प्रक्रिया के बीच उन्हें सल्ट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।