उत्तराखण्ड
बागेश्वर: अंग्यारी महादेव मंदिर के महाराज अलख मुनि की मौत मामले में ड्राइवर और अन्य साधू गिरफ्तार
गरुड़ के अंग्यारी महादेव मंदिर के महाराज अलख मुनि की मौत के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महाराज के साथी साधु और चालक को को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने शराब के नशे में महाराज के पहाड़ी से गिरने के कारण मौत होने की बात कही है। कबूल किया है कि अगर उन लोगों को बात को दबाने की बजाय ग्रामीणों को बताया होता तो महाराज की जान बच सकती थी। एसपी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है।
बुधवार को एसपी चंद्रशेखर आर घोड़के ने खुलासा करते हुए बताया कि मजकोट के पूर्व ग्राम प्रधान मदन मोहन गुंसाई ने 25 नवंबर को अलख मुनि महाराज के बदरीनाथ से आने के बावजूद अंग्यारी देव मंदिर नहीं पहुंचने की सूचना दी थी। राजस्व उपनिरीक्षक पिंगलो ने सूचना दर्ज कर जांच शुरू की। 26 नवंबर को राजस्व पुलिस और बैजनाथ पुलिस ने महाराज का शव मंदिर के समीप से संदिग्ध हालात में बरामद किया था। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मजकोट के पूर्व प्रधान की तहरीर के आधार पर राजस्व पुलिस ने धारा 103/238 बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। मामला रेग्युलर पुलिस को हस्तांतरित किया गया।
सीओ अंकित कंडारी के पर्यवेक्षण में एसओ बैजनाथ प्रताप सिंह नगरकोटी को विवेचना सौंपी गई। चार टीमों का गठन कर मामले का खुलासा करने के निर्देश दिए गए थे।
वाहन चालक और साथी साधु पर थी शक की सुई
महाराज की मौत के मामले में उनके साथ बदरीनाथ से आए साधु और उन्हें लाने वाले वाहन चालक पर शक की सुई घूम रही थी। एसपी घोड़के ने बताया कि पुलिस टीमों ने मुखबिर फैलाए और घटनास्थल के आसपास का निरीक्षण कर मृतक बाबा के संबंध में जानकारी जुटाई। पता चला कि महाराज बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर को एक अन्य बाबा के साथ घिघराड़ गोपेश्वर आए थे। पुलिस ने गोपेश्वर से घटना स्थल तक के रास्तों में लगे 40 सीसीटीवी खंगाले। पुलिस जांच में सामने आया कि घटना के दिन घटनास्थल तक बाबा और एक वाहन चालक उनके साथ थे। 23 नवंबर को तीनों लोग गोपेश्वर से वाहन में अंग्यारी महादेव मंदिर को चले थे।
वाहन चालक मिला, बाबा की खोज में हुई मशक्कत
पुलिस टीम की जांच में वाहन चालक हरेंद्र सिंह रावत (47) निवासी देवरखटोरा, गोपेश्वर, चमोली और बाबा अर्जुन गिरि का नाम सामने आया। हालांकि बाबा के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल सकी। पुलिस ने बाबा की तलाश के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, चमोली, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून के 250 से अधिक मंदिर, मठ खंगाले। इसी दौरान बाबा के आधार कार्ड की जानकारी मिली। डोईवाला में जिस पते का आधार कार्ड बना था, वहां से पूछताछ में पता चला कि बाबा एक मंदिर या आश्रम में नहीं रहता है। पुलिस ने संभावित स्थानों पर लगातार दबिश देने के बाद आखिरकार अर्जुन गिरि (31) निवासी द्वारा रवि गिरि, मिस्सर वाला कला, डोईवाला, देहरादून मूल निवासी शिव बिहार, थाना करावल नगर नई दिल्ली को मुखबिर की सूचना पर बौधाणगड़ी से गिरफ्तार किया।
शराब बनी मौत का कारण
पुलिस की पूछताछ में वाहन चालक और साथी बाबा ने बताया कि अंग्यारी महादेव को आते समय अलख मुनि महाराज ने रास्ते में शनि पूजा के लिए शराब खरीदी थी। रास्ते में तीनों ने शराब का सेवन किया। इसके बाद तीनों को नशा हो गया और मंदिर तक आने से पूर्व ही अंधेरा भी हो चुका था। इस दौरान अलख मुनि दोनों से लगातार गालीगलौज कर रहे थे। इस दौरान वह संकरे रास्ते पर फिसल गए। दोनों ने उन्हें उठाया और पकड़कर मंदिर की तरफ ले जाने लगे। तभी महाराज ने फिर से दोनों को गाली देना शुरू कर दिया। आवेश में आकर दोनों ने बाबा को सहारा देना छोड़ दिया। इसी दौरान बाबा लड़खड़ाते हुए पहाड़ी से नीचे गिर गए। घटना के बाद दोनों ने बाबा के गिरने की बात छुपा दी और वहां से भाग गए। पुलिस पूछताछ में भी पहले वह मंदिर गेट पर पहुंचाने की बात कर रहे थे। सख्ती से पूछताछ करने पर सारी कहानी बता दी। आरोपियों ने स्वीकार किया कि अगर समय रहते लोगों को बुलाते या मंदिर में मौजूद महाराज अंगीरा मुनि को सूचित करते तो अलख मुनि की जान बच सकती थी।