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अद्भुत: कुमाऊं में बद्रीनाथ के लघुरूप में स्थापित सकल धाम वैष्णवी शक्तिपीठ के बारे में क्या आप जानते हैं… पूर्ण विधि विधान के साथ खुले कपाट, पूजा करने वाले पंडितों की भी हुई अदला बदली

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  • बद्रीनाथ के लघुरूप में स्थापित सकल धाम वैष्णवी शक्तिपीठ महर पिनाना लोहाघाट में आज धार्मिक अनुष्ठान के साथ खुले कपाट
  • शताब्दीयो से बैसाखी पूर्णिमा को धाम के कपाट खुलने एवं कार्तिक पूर्णिमा को बंद होने की चली आ रही है परंपरा

लोहाघाट। बद्रीनाथ के लघु रूप में स्थापित सकल धाम वैष्णवी शक्तिपीठ महर पिनाना में आज धार्मिक मंत्रोचारण एवं पारंपरिक पूजा अर्चना के साथ यहां धाम के कपाट खुल गए हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

शताब्दियों से बैसाखी पूर्णिमा के दिन धाम के कपाट खुलते एवं कार्तिक पूर्णिमा में बंद हो जाते हैं। आज से यहां 6 माह के लिए पूजा अर्चना का कार्य पंडित चंद्रकांत जोशी करेंगे जबकि इससे पूर्व पंडित शंकर दत्त जोशी पूजा किया करते थे। यहां पूजारियो की आज ही के दिन अदला बदली होती है। पुजारियो को 6 माह तक कठोर नियमों से गुजरना पड़ता है। इस अवसर पर महर पिनाना के 96 वर्षीय घनानंद जोशी कार्यक्रम के साक्षी बने, जो बाल्यकाल से ही धाम का आशीर्वाद लेने आते रहे है। इसके अलावा सतीश जोशी, खिलानंद जोशी, केएन जोशी, भिंगराडा के पूर्णानंद भट्ट, रमेश चंद्र भट्ट, बिरगुल कलमाटा के भोला दत्त भट्ट प्रमुख लोग भी मौजूद थे। दिनभर धाम में भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। इसी के साथ यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

गत वर्ष आज ही के दिन जिलाधिकारी नवनीत पांडे यहां मौजूद हुए थे। उनके आने के बाद इस धाम के विकास के द्वार खुले हैं। उन्होंने धाम के विकास के लिए अपना ध्यान केंद्रित भी किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने धाम के कपाट खुलने के लिए क्षेत्रीय लोगों को बधाई दी है। धाम में आज देश में चल रही विषम स्थिति का मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शक्ति सामर्थ्य देने, उत्तराखंड में लंबे समय तक धामी का नेतृत्व मिलने तथा जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा जिले के विकास के लिए और ऊर्जा के साथ कार्य करने की शक्ति देने एवं इनके दीर्घ जीवन की कामना की गई।

और कपाट खुलते समय भगवान भी हो गए प्रसन्न लोहाघाट। सकल धाम वैष्णवी शक्तिपीठ महर पिनाना में आज कपाट खुलते समय जमकर बारिश होने से शक्तिपीठ का स्वयं भगवान अभिषेक करने लगे। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार कपाट खुलते समय मेघराज का बरसाना उत्तराखंड के लोगों की सुख शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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