Connect with us
राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान धान की नई प्रजाति विकसित करने जा रहा है। धान की ऐसी प्रजाति को विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है, जिसका सेवन करने से आयरन भी पहुंच सके।

उत्तराखण्ड

डायबिटीज रोगियों की बल्ले बल्ले: मधुमेह के रोगी भी खा सकेंगे चावल, शरीर को मिलेगा आयरन भी

खबर शेयर करें -

देहरादून। मधुमेह के उन रोगियों के लिए खुशखबरी है, जो चाहकर भी इसलिए चावल नहीं खा सकते, क्योंकि उनके डॉक्टर ने मना किया है। ऐसे शुगर के रोगियों को अब चावल खाने को लेकर मन नहीं मारना पड़ेगा। धान की नई प्रजाति के अनुसंधान से यह मुमकिन हो पाएगा।

इसी तरह आयरन की कमी से जूझ रही महिलाओं को भी चावल के सेवन से ही आयरन की खुराक मिल जाएगी। राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक धान की ये दोनों प्रजातियां विकसित करने का प्रयास कर रहा है। दून में एक कार्यक्रम में पहुंचे संस्थान के निदेशक डॉ. एके नायक ने इन अनुसंधानों को साझा किया।

कहा, खाद्य सामग्री का चावल प्रमुख हिस्सा है। देश में एक दो नहीं, बल्कि 1450 धान की प्रजातियां मिलती हैं। धान की नई प्रजातियों को विकसित करने और उत्पादन को बढ़ाने के साथ उसके गुणों को भी और बढ़ाने को लेकर राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान काम कर रहा है।जीनोम एडटिंग माध्यम का सहारा लिया जा रहाडॉ. नायक कहते हैं कि संस्थान ने उच्च हाई प्रोटीन जिंक राइस को तैयार किया था, अब धान की ऐसी प्रजाति को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा, जिसका सेवन करने से आयरन भी पहुंच सके। इससे शरीर में लोगों को आयरन की कमी होती है, वह दूर हो सकेगी। साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी धान की प्रजाति विकसित करने को लेकर कार्य हो रहा है।कहा, संस्थान ऐसा चावल तैयार करने पर काम कर रहा, जिसके सेवन से मधुमेह रोगियों को कोई दिक्कत न हो।

कहा, यह शोध कार्य चार साल से चल रहा है, आने वाले समय में धान की यह खास प्रजाति तैयार हो सकेगी। इस शोध में परंपरागत तरीकों के अलावा जीनोम एडटिंग माध्यम का सहारा लिया जा रहा है।

87 प्रजातियों को विकसित किया

राष्ट्रीय चावल अनुसंधान, कटक 1948 से काम कर रहा है। यहां धान की 187 प्रजातियों को विकसित किया जा चुका है। संस्थान बाढ़, सूखा ग्रस्त क्षेत्र, गर्म और सर्द क्षेत्र आदि को भी ध्यान में रखकर प्रजातियों के विकसित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। साभार अमर उजाला।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page