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धाकड़ धामी का कद बढ़ा: 10 नगर निगमों में भाजपा के मेयर मुख्यमंत्री की मेहनत का फल

हल्द्वानी। उत्तराखंड के 11 नगर निगम में मेयर की सीटें और उनमें 10 पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा। जाहिर है, इस चुनाव में एक कुशल प्रबंधन और रणनीति ही रही जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा ने क्लीन स्वीप ही कर दिखाया। यह रणनीतिकार रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन्होंने इस बार ट्रिपल इंजन सरकार की बात सामने रखकर जनता को यह बताया कि केंद्र, राज्य मिलकर नगर निकायों को और मजबूती से आगे बढ़ाकर विकास कर सकते हैं।
राज्य में इस बार अल्मोड़ा में भाजपा के अजय वर्मा, हल्द्वानी से भाजपा के गजराज बिष्ट, पिथौरागढ़ में भाजपा की कल्पना देवलाल, देहरादून में भाजपा के सौरव थपलियाल, कोटद्वार में भाजपा के शैलेंद्र सिंह रावत, रुद्रपुर से भाजपा का विकास शर्मा, ऋषिकेश से भाजपा के शंभू पासवान, काशीपुर से भाजपा के दीपक बाली, रुड़की से भाजपा की अनिता देवी अग्रवाल, हरिद्वार से भाजपा की किरण जैसल और श्रीनगर में निर्दलीय आरती भंडारी महापौर बने हैं। श्रीनगर को छोड़ दे तो बाकी 10 की 10 नगर निगम सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है।
उत्तराखंड के निकाय चुनाव में कुशल रणनीतिकार पुष्कर सिंह धामी ने प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव प्रचार और प्रबंधन का जो मॉडल सामने रखा उससे भाजपा की जीत पहले ही सुनिश्चित कर दी गई थी। ऐसा इसलिए की टिकट वितरण की बात तमाम स्थानों पर जब बाकियों ने सिर उठाना शुरू किया तो इस प्रबंधन को लेकर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही आगे आ गए। इसके बाद उन्होंने प्रचार का जिम्मा भी संभाला और पूरे चुनाव में मुख्यमंत्री धामी ही स्टार प्रचारक की भूमिका में थे। कार्यकर्ताओं तक मुख्यमंत्री धामी की सीधी पकड़ भी इस चुनाव में बेहतर प्रबंधन का एक हिस्सा साबित हुई। महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत जिले में भी चारों निकायों में भाजपा की ही जीत हुई।
कुल मिलाकर उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखंड के निकाय चुनाव की बात कद और बढ़ गया इस बारे में कोई दो राय नहीं है। प्रदेश में सरकार होने के बाद नगर निकायों में भाजपा के ही मेयर होने से यह बात साफ है कि अब निकायों में विकास भी उसी रफ्तार से होगा जैसा कि प्रदेश में किया जा रहा है।


